निर्भया के दोषियों की पुर्नविचार याचिका खारिज, फांसी की सजा बरकरार

निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि वो प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि महिलाओं और बच्चियों पर अत्याचार की घटनाओं को रोकने के लिये सख्त कदम उठाएं।

New Delhi, Jul 09 : निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के माले में चार दोषियों में से 3 की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ के सामने 29 वर्षीय मुकेश, 22 वर्षीय पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। जिसे खारिज करते हुए बेंच ने उनकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है।

कोर्ट ने सजा रखी बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2017 के फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत द्वारा 23 वर्षीय पैरामेडिक स्टूडेंट से 16 दिसंबर 2012 को हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा था। आपको बता दें कि आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी। वहीं आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल था, जिसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था, उसे तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया।

अब क्या है विकल्प ?
आपको बता दें कि चारों दोषियों को पिछले साल 5 मई को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद इन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया था, अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी सजा को बरकरार रखा है, अब दोषियों के पास क्यूरेटिव पिटीशन और फिर दया याचिका का विकल्प है।

न्याय की पूरी उम्मीद
फैसला सुनाये जाने से पहले निर्भया के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें न्याय की पूरी उम्मीद है, उन्होने आगे बोलते हुए कहा कि निर्भया देश की बेटी थी, और पूरे देश को उसे न्याय मिलने के फैसले का इंतजार है, उनकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या करने वालों को जिस दिन फांसी पर लटकाया जाएगा, उसी दिन मुझे और इस देश को तसल्ली मिलेगी। उन्होने कहा कि मुझे कोर्ट से इंसाफ की पूरी उम्मीद है।

पीएम से अपील
निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि वो प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि महिलाओं और बच्चियों पर अत्याचार की घटनाओं को रोकने के लिये सख्त कदम उठाएं, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि कोई भी ऐसा करने से पहले दस बार सोचें।