राजीव गांधी का एक फैसला बना उनकी हत्या की वजह, इस वजह से गई जान

राजीव गांधी ने पीएम के तौर पर कई शानदार फैसले लिये, जिससे देश की जनता का भला हुआ, हालांकि उनके कुछ फैसले ऐसे भी रहे, जिसकी वजह से उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा।

New Delhi, Aug 20 : देश के पूर्व पीएम और भारत रत्न स्व. राजीव गांधी की आज जयंती हैं, वो देश के 6ठें और सबसे युवा पीएम थे, राजीव गांधी सिर्फ 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ गये थे, आपको बता दें कि राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था, और 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में आत्मघाती हमले में उनकी जान चली गई। रिपोर्ट्स के अनुसार राजीव गांधी की मौत एक बड़ी साजिश का हिस्सा था, जिस पर अब तक विवाद बना हुआ है, उनकी हत्या में शामिल आरोपी जेल में बंद है, जिनकी रिहाई को लेकर समय-समय पर राजनीति होती रहती है।

राजीव गांधी की शिक्षा
राजीव गांधी ने शुरुआती पढाई देहरादून के दून स्कूल से हासिल की थी, फिर साल 1961 में वो लंदन चले गये, वहां के इम्पीरियल कॉलेज और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होने उच्चा शिक्षा हासिल की । फिर 1966 में मां इंदिरा गांधी के पीएम बनने के बाद वो भारत वापस लौट आये, साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वो प्रधानमंत्री बने, हालांकि उनके करीबियों के अनुसार उनकी राजनीति में दिलचस्पी नहीं थी, वो राजनीति में आना भी नहीं चाहते थे, लेकिन परिस्थिति ऐसी बनी, कि उन्हें आना पड़ा।

परिवार के साथ विदेश चले गये थे
राजनीति में आने से पहले राजीव गांधी एक एयरलाइन कंपनी में पायलट की नौकरी करते थे, इमरजेंसी के बाद जब इंदिरा गांधी के हाथ से सत्ता चली गई, तो कुछ समय के लिये राजीव गांधी अपने परिवार के साथ विदेश चले गये थे। हालांकि 1980 में जब उनके छोटे भाई संजय का निधन हुआ, तो उनकी मां उन्हें बार-बार बुलाने लगी, साल 1982 में मां का सहयोग करने के लिये उन्हें राजनीति में आना पड़ा। वो अमेठी से चुनाव जीतकर सांसद बने और 1984 में मां की हत्या के बाद कांग्रेस और देश की बागडोर संभाली।

सोनिया गांधी से शादी
राजीव गांधी ने सोनिया गांधी को पहली बार कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में देखा था, उस कैम्पस में एक ग्रीक रेस्टोरेंट से दोनों के प्यार की शुरुआत हुई थी, कहा जाता है कि सोनिया को पहली नजर में ही राजीव में पसंद कर लिया था। सिमी ग्रेवाल को दिये इंटरव्यू में राजीव ने कहा था कि जब मैंने पहली बार सोनिया को देखा, तो समझ गया, कि यही वो लड़की है, जो मेरे लिये बनी है, वो बहुत स्ट्रेट फॉरवर्ड और आउटस्पोकन है, वो कुछ भी छुपाती नहीं है, साथ ही काफी मिलनसार है।

कई शानदार फैसले लिये
राजीव गांधी ने पीएम के तौर पर कई शानदार फैसले लिये, जिससे देश की जनता का भला हुआ, हालांकि उनके कुछ फैसले ऐसे भी रहे, जिसकी वजह से उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा। राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए बोफोर्स कांड की वजह उनकी खूब किरकिरी हुई थी, तो शाह बानो और अयोध्या मामले पर भी उनकी आलोचना की गई थी। इसके साथ ही उनके एक और फैसले की खूब चर्चा होती है, कहा जाता है कि इसी फैसले की वजह से उनकी जान चली गई।

क्या था वो फैसला ?
दरअसल पड़ोसी मुल्क श्रीलंका जातिय संघर्ष से जूझ रहा था, 1987 में भारत-श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत भारतीय सेना श्रीलंका के अंदरुनी मामले में हस्तक्षेप करने पहुंची, सेना वहां लिट्टे द्वारा चलाये जा रहे अभियान को कुचलने में लगी हुई थी। लिट्टे चाहता था कि भारतीय सेना वापस चली जाएगी, ताकि श्रीलंका से अलग वो अपना एक देश मांग सके, लेकिन राजीव गांधी के फैसले ने उन्हें अंदर तक हिला दिया था। फिर 1989 में वीपी सिंह की सरकार आ गई, जिसके बाद भारतीय सेना को वापस बुला लिया गया। जिससे लिट्टे को राहत मिली। फिर 1991 में चुनाव होने वाले थे, लिट्टे को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं राजीव गांधी फिर से पीएम बन गये, तो उनके अभियान को कुचल देंगे, इसी वजह से 21 मई 1991 को तमिलनाडु में लिट्टे के आतंकियों ने आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी।