सुपरस्टार ही नहीं बल्कि सच्चे दोस्त हैं रजनीकांत, अपने पुराने दोस्त से वादा निभाया

सुपरस्टार रजनीकांत एक बेहतरीन अदाकार होने के साथ साथ सामाजिक जीवन के उसूलों को भी समझते हैं। इस वजह से उन्होंने अपने दोस्त से किया वादा निभाया।

New Delhi, Mar 15: सुपरस्टार ही नहीं बल्कि रजनीकांत रिश्तों की अहमियत को भी अच्छे तरीके से समझते हैं। ध्यान और योग के लिए रजनीकांत आजकल पहाड़ों में हैं। ऋषिकेश पहुंचकर उन्होेंने खुद कहा था कि प्रकृति के इतने करीब खुद को पाकर वो बेहद खुश हैं। रजनीकांत के बारे में कहा जाता है कि अपने दोस्तों से किया वादा वो हर हाल में निभाते हैं। ऐसा ही कुछ उन्होंने किया है।

ये था तय कार्यक्रम
रजनीकांत का कार्यक्रम तय था कि उन्हें ऋषिकेश से अल्मोड़ा जाना था। लेकिन उन्होंने अल्मोड़ा जाने से पहले द्वारहाट जाना सही समझा। दरअसल रजनीकांत को अपना एक करीबी मित्र याद आ गया, जो पहाड़ों में रहता है और योग साधना करता है। जी हां द्वारहाट में रजनीकांत के करीबी मित्र डीसी हरि रहते हैं और उनसे वो उनके आवास में मिलेंगे।

आई दोस्त की याद
आपको बता दें कि आखिर डीसी हरि कौन हैं ? डीसी हरि एक मेडिटेशन सेंटर चलाते हैं। वो रजनीकांत के पुराने दोस्तों में से एक हैं। इसलिए रजनीकांत ने अल्मोड़ा से पहले द्वाराहाट जाना तय किया है। अब रजनीकांत एक लंबी राजनीतिक पारी खेलने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले वो अपने गुरु का आशीर्वाद लेने ऋषिकेश के दयानन्द आश्रम पहुंचे।

आध्यात्म की तलाश
जनाधार स्थापित करने के लिए सुपर स्टार रजनीकांत आध्यात्म और ध्यान की तलाश में देवभूमि में हैं। इसके लिए वो ऋषिकेश । रजनीकांत ने कहा था कि वो यहां बतौर तीर्थयात्री आए हैं। ‘’यहां मुझे दैवीय शांति मिलती है और ये मेरे रोजाना की जिंदगी से बिल्कुल अलग और खास होता है। मैं इस दैवीय जगह पर राजनीति के मुद्दे पर कोई बात नहीं करूंगा’’।

रजनी ने बताई बड़ी बात
राजनीति में आने की बात साफ कर चुके रजनीकांत गंगा की शरण में ऋषिकेश पहुंचे। वो हिमाचल प्रदेश से होते हुए उत्तराखंड आए। खास बात ये भी है कि रजनीकांत जब भी कोई बड़ा काम शुरू करने वाले होते हैं तो वो देवभूमि जरूर आते हैं। ऋषिकेश के अलावा कुमाऊं के दूनागिरी क्षेत्र में एक आश्रम है, वहां भी वो अक्सर आते जाते रहते हैं।

20 साल से ट्रस्टी हैं
रजनीकांत यहां कितने दिन रहेंगे, इस बात की जानकारी नहीं है। आश्रम के प्रबंधक का ही कहना है कि रजनीकांत यहां काफी समय बिता चुके हैं। ऋषिकेश के आश्रम से रजनीकांत करीब 25 साल से जुड़े हैं। इसके अलावा खास बात ये है कि रजनीकांत बीते 20 साल से स्वामी दयानंद द्वारा स्थापित गंगाधरेश्वर ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं।

ये है श्रद्धा का केंद्र
इस महानायक की श्रद्धा का केंद्र देवभूमि है। खुद रजनीकांत कहते हैं कि देवभूमि की कृपा से उनके जीवन में काफी तरक्की हुई।  दरअसल सुपरस्टार रजनीकांत आध्यात्म और योग को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानते हैं। उनकी श्रद्धा का केंद्र द्वाराहाट का योगदा आश्रम भी है। अल्मोड़ा में स्थित इस आश्रम में स्वामी परमहंस ने भी योग की दीक्षा ली थी।