यूपी के पूर्व सीएम की बहू, पहले बॉलीवुड में चमका सितारा, अब गांव में कर रही ये काम

MP

ये महिला सब छोड़-छाड़ कर रोजाना चार से पांच गांव की खाक छान रही हैं, इनका बस एक ही मकसद है कि टीकमगढ को शराब मुक्त बनाना है।

New Delhi, Jan 23 : ये कोई आम महिला नहीं हैं, लेकिन कुछ नया और समाज के लिये अच्छा करने की चाहत में इन्होने सब कुछ त्याग दिया है, फिर चाहे राजसी ठाट-बाट हो, या मुंबई की ग्लैमरस लाइफ, इन्हें कुछ भी रोक नहीं पाया। ये सब छोड़-छाड़ कर रोजाना चार से पांच गांव की खाक छान रही हैं, इनका बस एक ही मकसद है कि टीकमगढ को शराब मुक्त बनाना है। जी हां, ये महिला कोई आम नहीं बल्कि 27 वर्षीय रोशनी यादव हैं, जो एमपी के पूर्व गवर्नर और यूपी के पूर्व सीएम स्वर्गीय रामनरेश यादव की पौत्रवधु हैं।

ग्लैमर वर्ल्ड से है नाता
रोशनी यादव भोपाल से इंजीनियरिंग करने के बाद लखनऊ के सिद्धांत यादव से शादी की है, लेकिन उससे पहले वो मुंबई में फिल्मों और टीवी सीरियलों में भी काम कर चुकी हैं, MP7लेकिन ऐशो-आराम की जिंदगी उन्हें ज्यादा दिनों तक रास नहीं आई, वो अपने मायके पृथ्वीपुर चली आई और समाजसेवा की काम में जुट गई है।

शराबबंदी अभियान की शुरुआत
रोशनी के सामने चुनौतियां कम नहीं है, वो शराबबंदी अभियान चला रही हैं, करीब पिछले 5 साल से वो स्कूलों में जाती है, वहां पर बच्चों और उनके अभिभावकों से बात करती है, MP8वो उन्हें शराब से होने वाले नुकसान के बारे में बताती है, ताकि लोग शराब को अपने जीवन से दूर करें और उनके परिवार में खुशहाली आए।

मुहिम ला रही रंग
रोशनी यादव खुद गांव-गांव जाकर महिलाओं और पुरुषों से बात करती हैं, वो उन्हें शराब ना पीने की संकल्प दिलाती है, अब उनकी ये मुहिम धीरे-धीरे रंग ला रही है, MP6क्योंकि उनकी वजह से अब तक करीब 5 हजार लोग शराब से तौबा कर चुके हैं, इतना ही नहीं वो लोग दूसरों को भी शराब छोड़ने के लिये प्रेरित करते हैं।

परिवारों को बर्बाद करता है नशा
पूर्व गवर्नर की पौत्रवधू कहती हैं कि शराब ना सिर्फ इंसान की सेहत के लिये घातक है, बल्कि इसकी वजह से घर के घर उजड़ जाते हैं, MP1उनकी कोशिश की वजह से पृथ्वीपुर क्षेत्र में कई लोगों ने शराब छोड़ दी, उन्होने कई घरों को बर्बाद होने से बचा लिया।

ग्रामीण करते हैं तारीफ
खिस्टौन गांव में रहने वाली रामदुलारी ने कहा कि दीदी की वजह से हमारे गांव-समाज को नई दिशा मिल रही है, उनकी वजह से गांव में शराब की खपत कम हुई है, MP4लोग अब शराब से दूरी बना रहे हैं, नहीं तो गांव के ज्यादातर लोग शाम होते ही शराब पीने बैठ जाते थे, जिसकी वजह से परिवार में कलह होता था।

शाम होते ही जाम शुरु
टैनीपुरा गांव की भी कहानी कुछ ऐसी ही है, यहां कुछ समय पहले शाम होते ही शराब के ठेके पर भीड़ लग जाती थी, MP5कुछ मजदूरों का कहना था कि शराब के बिना जीवन अधूरा लगता है, दिन भर की मजदूरी के बाद जो भी उन्हें पैसा मिलता था, वो उसकी शराब पी लेते थे, लेकिन रोशनी यादव ने उन्हें ऐसा पाठ पढाया, कि अब वो शराब छोड़ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं।

परिवार के लोग खुश
रोशनी की इस कोशिश की वजह से शराबी से ज्यादा उनके परिवार के लोग खुश हैं, उनका कहना है कि शराब से स्वास्थ्य के साथ-साथ पैसों की भी बर्बादी होती है, MP3अब उनका पति पूरे पैसे लेकर घर आता है, जिसकी वजह से उन्हें राशन-पानी खरीदने में ज्यादा परेशानी नहीं होती, नहीं तो पहले पूरा पैसा वो शऱाब में ही उड़ा देते थे।

बिहार में शराबबंदी, तो एमपी में क्यों नहीं ?
रोशनी यादव का कहना है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान को एमपी में भी शराबबंदी करना चाहिये, जब बिहार और गुजरात जैसे प्रदेशों में शराबबंदी लागू हो सकती है, MP2तो फिर एमपी में क्यों नहीं, भले शराब से करोड़ों रुपयों का राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन इसकी वजह से लाखों परिवार भी तो उजड़ जाते हैं।