आरपी सिंह ने किया उस घटना का जिक्र, जब उन्हें एहसास हो गया, धोनी स्पेशल खिलाड़ी है

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आरपी सिंह ने बताया कि मेरे लिये ये 2007 टी-20 विश्वकप का फाइनल था, जब मुझे एहसास हो गये कि माही एक खास खिलाड़ी हैं।

New Delhi, Aug 24 : टीम इंडिया के खिलाड़ियों में पूर्व कप्तान धोनी के सबसे खास दोस्तों में शामिल रहे रुद्र प्रताप सिंह ने साल 2007 में माही से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है, आरपी ने बताया कि तब ही उन्हें पहली बार ये एहसास हो गया था कि माही कितने चतुर कप्तान हैं, वो कैसे आगे रहकर टीम का नेतृत्व करते हैं, आरपी के मुताबिक उन्होने तब ही भांप लिया था, वो स्पेशल हैं।

बड़ा अंतर पैदा किया
दक्षिण अफ्रीका में खेला गया विश्वकप धोनी के लिये बल्ले से कुछ खास नहीं रहा था, उन्होने 33, 02, 10 नाबाद, 45, 36 और 06 रन बनाये थे, लेकिन आरपी सिंह ने कहा कि धोनी की उपस्थिति ने बड़ा अंतर पैदा कर दिया था, वो मैदान में होते हैं, तो टीम अलग दिखती है।

विश्वकप फाइनल
आरपी सिंह ने बताया कि मेरे लिये ये 2007 टी-20 विश्वकप का फाइनल था, जब मुझे एहसास हो गये कि माही एक खास खिलाड़ी हैं, और वो वो धोनी नहीं हैं, जिससे मैं बात कर रहा था, पूर्व तेज गति गेंदबाज ने बताया कि अगर आप नजदीक से देखोगे, तो पाओगे कि इस टूर्नामेंट में धोनी ने बल्ले से कुछ खास नहीं किया था, लेकिन उन्होने हर मैच में अपनी उपस्थिति से योगदान दिया।

खुद आकर बताया था
पहले टी-20 विश्वकप में 12 विकेट हासिल करने वाले आरपी सिंह ने बताया कि फाइनल में माही ने मुझसे कहा था कि कामरान अकमल बोल्ड होगा, क्योंकि उसके पैर नहीं चल रहे हैं, ऐसे में उन्होने मुझे तमाम बातें भूलकर बॉलिंग लाइन और लंबाई पर ध्यान देने को कहा था, आरपी ने कहा कि मुझे एहसास हो गया कि धोनी को बल्लेबाज को पढने की क्षमता शानदार है, क्योंकि मैं अकमल को अलग तरीके से गेंदबाजी करता, मैं उनके लिये कुछ और ही फील्डिंग सजा रखी थी, लेकिन उन्होने मुझे समझाया, तो चीजों पर अमल करना आसान हो गया, जैसा एमएस ने सोचा था अकमल उसमें फंस गये और बोल्ड हो गये।