विवेक तिवारी केस- इकलौती चश्मदीद ने आरोपी की पत्नी को लेकर किया बड़ा खुलासा

विवेक तिवारी केस – सना खान ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो घटना के समय बेहद घबराई हुई थी, जिसकी वजह से पुलिस वालों ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।

New Delhi, Oct 02 : लखनऊ के बहुचर्चित विवेक तिवारी केस में जैसे-जैसे जांच आगे बढ रही है, मामले में नये-नये खुलासे हो रहे हैं। सोमवार को घटना की इकलौती चश्मदीद गवाह सना खान ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होने मामले में कई हैरान करने वाले खुलासे किये। उन्होने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने उन पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की, उनका पूरा इरादा इस मामले को रफा-दफा करने का था, इतना ही नहीं सना ने आरोपित शख्स की पत्नी को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है।

प्रशांत की पुत्नी ने लिखवाई तहरीर
चश्मदीद सना खान ने आरोप लगाया है कि वारदात के बाद पुलिसकर्मियों ने उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर लिये थे। फिर बाद में उसी कागज पर तहरीर लिखाई गई। जिस समय तहरीर लिखाई जा रही थी, तब उनसे कई तरह के सवाल पूछे गये। उनकी बातों को नकारने की कोशिश की गई। सना ने आशंका जाहिर की है, कि ये तहरीर किसी और ने नहीं बल्कि प्रशांत चौधरी की पत्नी राखी मलिक ने लिखवाई। आपको बता दें कि प्रशांत की पत्नी राखी मलिक कांस्टेबल हैं और गोमती नगर थाने में तैनात है।

पुलिस पर गंभीर आरोप
सना खान ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो घटना के समय बेहद घबराई हुई थी, जिसकी वजह से पुलिस वालों ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। वारदात के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची, तो उन्होने विवेक तिवारी को अस्पताल भेज दिया, जबकि उन्हें गाड़ी में बिठाकर करीब दो घंटे तक इधर-उधर घुमाते रहे। सना का आरोप है कि जिस समय पुलिस टीम उन्हें अपनी गाड़ी में बिठाकर ले जा रही थी, तब उन्होने पुलिस वालों ने फोन मांगा था, ताकि वो अपने घर वालों से बात कर सकें, लेकिन उन्हें फोन नहीं दिया गया।

चुप रहने का दबाव
विवेक तिवारी केस की इकलौती चश्मदीद गवाह ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय वारदात हुई, उन पर पुलिसकर्मियों ने शांत रहने का दबाव बनाया, इस दौरान उन्हें जिस गाड़ी में बिठाया गया था, उसमें महिला कांस्टेबल भी नहीं थी, बाद में उन्हें गोमती नगर से कैसरबाग लाया गया, जहां से एक महिला कांस्टेबल को गाड़ी में बिठाया गया। इसके बाद फिर उन्हें गोमती नगर थाने लाकर पूछताछ की गई।

बच सकती थी जान
सना खान ने एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि वारदात के बाद पुलिस वाले एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, अगर पुलिस की गाड़ी में ही विवेक को ले जाया गया होता, तो उसकी जान बच सकती थी। लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा था कि विवेक की हालत गंभीर है, उसे किसी दूसरे अच्छे अस्पताल में ले जाइये, लेकिन पुलिस वालों ने कोई प्रयास नहीं किया, अगर पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाई होती, तो शायद गोली लगने के बाद भी विवेक जिंदा होते।