47 एकड़ जमीन, 672 किराएदार, ₹1000 करोड़, जानिए संजय राउत की पत्नी और दोस्त ने कैसे किया खेल?

Sanjay-Raut

महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी की 47 एकड़ जमीन पर 672 किरायेदार रहते थे, इन्हीं किरायेदारों के पुनर्वास के लिये पात्रा चॉल परियोजना के तहत चॉल के विकास का काम प्रवीण राउत की कंपनी को सौंपा गया।

New Delhi, Apr 06 : मुंबई के गोरेगांव के पात्रा चॉल घोटाला में एक्शन लेते हुए ईडी ने संजय राउत की पत्नी और उनके करीबी की करीब 11 करोड़ की जमीन और फ्लैट जब्त कर ली है, पात्रा चॉल घोटाले में संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत मुख्य आरोपित है, वो गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक हैं, इसी कंपनी के पास गोरेगांव के पात्रा चॉल के पुनर्विकास करवाने का जिम्मा था, जिसने अपने काम करने की जगह घोटाले को अंजाम दिया, फिर पैसों का हेर-फेर शुरु किया, संजय राउत की पत्नी भी पैसों के हेर-फेर की वजह से ईडी के रडार पर हैं।

पात्रा चॉल भूमि घोटाला
महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी की 47 एकड़ जमीन पर 672 किरायेदार रहते थे, इन्हीं किरायेदारों के पुनर्वास के लिये पात्रा चॉल परियोजना के तहत चॉल के विकास का काम प्रवीण राउत की कंपनी को सौंपा गया, कांट्रेक्ट में कहा गया था कि 47 एकड़ पर जो बिल्डिंग बनेगी, उसके 672 फ्लैट चॉल के किरायेदारों को देने होंगे, 3000 फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करने होंगे, बाद में जो जमीन बचेगी, उसे बेचने और विकसित करने के लिये भी अनुमति जरुरी होगी, चॉल विकास के कांट्रेक्ट में सब चीजें तय थी, लेकिन गड़बड़ तब शुरु हुई, जब कंपनी ने ना तो इस जगह का विकास किया, ना किरायेदारों को मकान दिये और ना ही एमएचएडीए को फ्लैट हैंडओवर किये।

1000 करोड़ हेरफेर
मुंबई पुलिस में दायर एफआईआर के मुताबिक चालू हुए इस केस पर ईडी ने बताया पीएमएलए के तहत की गई जांच से पता चला कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. के निदेशक होने के नाते प्रवीण राउत ने पुनर्विकास परियोजना में सक्रिय भूमिका निभाई, हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपये की जमीन हेर-फेर में कामयाब रहे, इस दौरान 672 किरायेदारों और खरीददारों के हितों को नुकसान पहुंचाया गया, ईडी ने बयान दिया कि विभिन्न बिल्डरों से 1034 करोड़ रुपये पाने के अलावा आरोपित ने बैंक से भी लोन लिया।

संजय राउत की पत्नी का कनेक्शन
ईडी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि 2010 में प्रवीण राउत ने इक्विटी सेल और भूमि सौदों की आड़ में अपने बैंक खाते में 95 करोड़ रुपये प्राप्त किये थे, हालांकि कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर सकी, उनकी कोई कमाई नहीं हुई, प्रवीण पर एजेंसी ने आरोप लगाया कि एचडीआईएल कंपनी से प्रवीण राउत के खाते में 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये, इसके बाद उसने ये पैसा अपने करीबियों और परिजनों के खातों में डाल दिया। 2010 में अपराध से जुड़ा ये पैसा संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के पास आया, ये रकम 83 लाख रुपये की थी, जिसने प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत के जरिये भेजा गया था, इसी पैसे का इस्तेमाल वर्षा राउत ने दादर में फ्लैट खरीदने के लिये किया था, जब जांच हुई, तो पता चला कि वर्षा के पास से माधुरी के पास 55 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे, इनके अलावा भी ट्रांजेक्शन थी, ईडी का कहना है कि खिम बीच के पास जो 8 प्लाट है, वो भी वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर के नाम पर खरीदे गये हैं, स्वप्ना उन सुजीत पाटकर की पत्नी है, जो संजय राउत के करीबी हैं।

दोस्त की गिरफ्तारी
इस घोटाले में एजेंसी लंबे समय से जांच कर रही है, इसी साल 2 फरवरी को प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया गया, कल जो कार्रवाई हुई, उसमें 11 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया गया, जिसमें प्रवीण राउत के पालघर, सफल और पडगा में जमीन और मुंबई के दादर और अलीबाग के किहिम बीच पर वर्षा राउत के प्लाट जब्त किये गये, किहिम बीट वाली संपत्ति में वर्षा राउत के साथ स्वप्ना पाटकर भी मालिक थीं। ईडी की कार्रवाई के बाद संजय राउत ने गुस्सा दिखाया है, उन्होने कल कहा मैं वो नहीं हूं जो डर जाऊं, मेरी संपत्ति जब्त कर लो, मुझे गोली मार दो, जेल भेज दो, संजय राउत बाला साहेब ठाकरे का चेला है, एक शिवसैनिक है, वो लड़ेगा और सबका पर्दाफाश करेगा, मैं चुप रहने वालों में से नहीं हूं, उन्हें फुटकने दो, नाच लेने दो जितना नाचना है।