इमरान खान पर निकला शाहिद अफरीदी का गुस्‍सा, कहा-इन मुसलमानों की चिंता क्‍यों नहीं करते ?  

भारत के नागरिकता बिल को लेकर चिंता में पड़े इमरान खान पर उनके ही देश के क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने लताड़ लगाई है, अफरीदी ने ट्वीट कर कहा – इन मुसलमानों की उन्हें क्यों नहीं है चिंता?

New Delhi, Dec 23: भारत सरकार की ओर से लाए नागरिकता कानून का विरोध करने वाले देशों में पाकिस्तान भी एक देश है, लेकिन उनकी चिंता किस तरफ होनी चाहिए ये उन्‍हें पाकिस्‍तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने बताया है । पाकिस्‍तान क्रिकेट टीम के के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने प्रधानमंत्री इमरान खान से चीन के उइगर मुस्लिम समुदाय की ओर ध्‍यान आकर्षित करने के लिए कहा है । अफरीदी ने  इमरान खान से दरख्‍वास्‍त की है कि वो तुरंत चीन की सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत करे ।

अफरीदी ने बयां किया दर्द
शाहिद अफरीदी ने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा –  ‘उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचारोंको सुनकर दिल दहल जाता है । मैं चाहता हूं कि इमरान खान इसके खिलाफ आवाज़ उठाए । वो मुस्लिम उम्मत को एक साथ लाने पर बात करें । चीन के भाई-बहन भी इसका हिस्सा हैं।’

https://twitter.com/SAfridiOfficial/status/1208701954328629250

कौन हैं उइगर मुसलमान ?
दरअसल इस्लाम को मानने वाले उइगर समुदाय के लोग चीन के सबसे बड़े और पश्चिमी क्षेत्र शिंजियांग प्रांत में रहते हैं । इस प्रांत की सीमा मंगोलिया और रूस सहित आठ देशों के साथ मिलती है । तुर्क मूल के उइगर मुसलमानों की इस क्षेत्र में आबादी एक करोड़ से ऊपर है । इस क्षेत्र में उनकी आबादी बहुसंख्यक थी ।लेकिन जब से इस क्षेत्र में चीनी समुदाय हान की संख्या बढ़ी है और सेना की तैनाती हुई है तब से यह स्थिति बदल गई है । आपको बता दें कि चीन में काफी लंबे समय से उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार हो रहा है । हाल के दिनों में उइगर मुस्लिम समुदाय के कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि चीन में 500 से ज़्यादा कैंप और जेल हैं जहां उइगर मुस्लिम को रखा गया है ।

क्या चाहता है चीन ?
चीन का सबसे बड़ा प्रांत है जिनजियांग, इन्हीं इलाकों में उइगर मुस्लिम समुदाय के लोग सबसे ज़्यादा संख्‍या में रहते हैं । पिछले कुछ समय से योजनाबद्ध तरीके से चीन इन उइगर मुस्लिमों के दमन में लगा है । चीन का मानना है कि उइगर मुसलमान अपनी संस्‍कृति को छोड़ने को तैयार नहीं हैं, और ना ही वो धर्म और ना ही अपनी भाषा बदलना चाहते हैं । जो चीन अपने देश के लिए बड़ी मुश्किल मानता है । इसलिए वो लगातार उइगर मुसलमानों के दमन की कोशिश में जुटा हुआ है और उनकी पहचान मिटाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है ।