यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दिशा-निर्देश के कुछ देर बाद ही कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
New Delhi, May 15 : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे करीब -करीब आ चुके हैं, बीजेपी सत्ता के मुहाने पर खड़ी है, इसके बावजूद कांग्रेस अभी हिम्मत नहीं हारी है। उसे अभी भी लगता है कि वो सत्ता में बने रह सकती है, इसके लिये पल-पल राजनैतिक समीकरण बदल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रुझानों में जैसे ही ये साफ हुआ कि बीजेपी पूर्ण बहुमत से पीछे रह गई है। यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी खुद ही एक्टिव हो गई। उनके एक्टिव होने से कर्नाटक के समीकरण बदल सकते हैं।
गुलाम नबी आजाद को दिया निर्देश
सोनिया गांधी कर्नाटक रिजल्ट के तुरंत बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से बात की, आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद कर्नाटक में ही हैं, सोनिया गांधी ने उन्हें फोन कर कहा कि वो तुरंत एचडी देवगौड़ा से जाकर मिलें और उनसे बात करें। मालूम हो कि अगर कांग्रेस और जेडीएस चाहे, तो मिलकर सरकार बना सकती है।
कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का किया ऐलान
यूपीए चेयरपर्सन के दिशा-निर्देश के कुछ देर बाद ही कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। पार्टी नेता जी परमेश्वर ने कहा, कि हम जनादेश का सम्मान करते हैं, उसे स्वीकारते हैं, हम कर्नाटक की जनता के समक्ष नतमस्तक हैं। सरकार बनाने के लिये हमारे पास आंकड़े नहीं है, ऐसे में हम सरकार बनाने के लिये जेडीएस को समर्थन देने की पेशकश करते हैं।
गुलाम नबी ने की बात
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने देवेगौड़ा और कुमारस्वामी से खुद बात की। जिसके बाद उन्होने मीडिया में बयान दिया, कि उन्होने देवेगौड़ा और कुमार स्वामी से बात की है। उन्होने हमारे ऑफर को स्वीकार कर लिया है, उम्मीद है कि हम साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। पूरे नतीजे साफ होने से पहले ही कर्नाटक में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।
इनकी बनेगी सरकार
कांग्रेस नेतका के सी वेणुगोपाल ने कहा कि हम (कांग्रेस और जेडीएस) संयुक्त रुप से आज शाम राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। फिर हम सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। आपको बता दें कि खबर लिखे जाने तक देवेगौड़ा खेमे की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। उनके बयान के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।
सरकार बनाने के लिये 113 विधायकों की जरुरत
आपको बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सीटें हैं, जिनमें से 224 सीटों पर विधायकों का निर्वाचन होता है, जबकि एक सीट पर सदस्य का मनोनयन किया जाता है। प्रदेश के 224 विधानसभा सीटों में से इस बार 224 सीटों पर मतदान हुआ था। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिये 113 विधायकों की जरुरत होगी।
बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी
खबर लिखे जाने तक बीजेपी 94 सीटें जीत चुकी थी, जबकि 10 सीटों पर आगे चल रही थी। अगर ये सभी सीटें भी बीजेपी जीत लेती है, तो उसके खाते में 104 सीटें हो जाएगी। इसके अलावा दो सीटें अन्य के खाते में गई है, इनके समर्थन के बावजूद बीजेपी सरकार नहीं बना पाएगी। अगर जेडीएस बीजेपी को सपोर्ट करती है, तो फिर आसानी से उनकी सरकार बन जाएगी। लेकिन अगर कांग्रेस और जेडीएस मिलकर सरकार बना लेती है, तो बीजेपी सत्ता से दूर रह सकती है।