इस खूबसूरत गांव में बसने के मिल सकते हैं 45 लाख रुपये, पढिये खास वजह

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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में हर वो सुख-सुविधा है, जो इंसान को चाहिये, लेकिन सबसे बड़ी समस्या रोजगार का है।

New Delhi, Nov 24 : हेडर पढकर आप भी सोच रहे होंगे, कि ये क्या है, आपको बता दें कि ये सच है, ये गांव भारत में नहीं बल्कि स्विटजरलैंड में है, जहां एक गांव में परिवारों को बसाने के लिये सरकार 45 लाख रुपये ऑफर करने जा रहा है। स्विटजरलैंड के माउंटेन विलेज अल्बिनेन लोगों की कमी से जूझ रहा है, शहरी जिंदगी के लिये लोग गांव छोड़ कर जा रहे हैं, अब इस गांव में केवल 240 लोग बचे हैं, इसी वजह से लोकल अथॉरिटी 45 से कम उम्र के लोगों को यहां बसने का ऑफर देने जा रही है।

गांव में कई खासियत
स्विटजरलैंड का ये गांव सी लेवल से 4265 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है, यहां चर्च से लेकर दूसरे पारंपरिक मकान और सुविधाएं भी उपलब्ध है। albinena1म्युनिसिपलिटी प्रेसिडेंट बीट जोस्ट ने जानकारी दी कि खूबसूरत नजारे के साथ-साथ शांति और ताजा हवा इस गांव की खासियत है। लेकिन फिर भी लोग इस गांव को छोड़ शहर का रुख कर रहे हैं, जिससे वो चिंतित हैं।

नौकरी की वजह से गांव खाली
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में हर वो सुख-सुविधा है, जो इंसान को चाहिये, लेकिन सबसे बड़ी समस्या रोजगार का है, इस गांव में नौकरी के मौके कम है, swiss-10इसी वजह से लोग अपने परिवारों के साथ शहर की ओर कूच कर रहे हैं, लोग उस स्थान को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं, जहां रोजगार के अवसर हो, ताकि उन्हें अच्छा जीवन जीने में किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

गांव का स्कूल बंद
नौकरी के मौके नहीं होने की वजह से गांव धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है, बीट जोस्ट के अनुसार पिछले कुछ साल में यहां से तीन और परिवार पलायन कर गये, swiss-11जिसके वजह से गांव का स्कूल भी बंद हो गया। इस गांव में अब कुल 240 लोग रह गये हैं, जिसमें सिर्फ सात बच्चे हैं, वो भी बस के जरिये पास के एक टाउन में पढने जाते हैं, अब गांव के स्कूल पर ताला लटका दिया गया है।

गांव में दूसरे लोगों को बसाने की योजना
लगातार कम हो रही जनसंख्या से म्युनिशिपल परेशान है, वो इस पर काम कर रही है, कि कुछ परिवारों को यहां फिर से लाकर बसाया जाए, albinenbताकि गांव की आबादी बढे, लोगों की चहल-पहल बढने के साथ ही गांव में स्कूल और दूसरी चीजों का भी विकास हो, इसलिये म्युनिशिपल प्रेसिडेंट दूसरे विकल्पों पर भी राय-विचार कर रहे हैं कि कैसे इस गांव में दुबारा लोगों को लाया जा सके, और जो जा रहे हैं, उन्हें रोका जा सके।

खाली मकानों के लिये लोगों की तलाश
बीट जोस्ट अब इस गांव के खाली पड़े मकानों के लिये 45 या उससे कम उम्र के लोगों की तलाश कर रहे हैं,swiss3 उन्हें ऑफर दे रहे हैं कि वो अपने परिवार के साथ वहां आकर बस जाए, इसके अलावा इस गांव में बसने वाले लोगों को म्युनिशिपल मदद करेगी, अगर वो चाहें, तो वहां अपनी जमीन खरीदकर भी प्रॉपर्टी बनवा सकते हैं, वहां बसने में उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

कैश इनीशिएटिव की डिमांड
इस गांव में रहने वाले कुछ परिवारों ने अगस्त में पिटीशन फाइल किया था, जिसमें गांव के करीब आधे से ज्यादा वोटरों ने हस्ताक्षऱ भी किये हैं, Cashउन लोगों की मांग है कि गांव छोड़ रहे लोगों के लिये प्रोत्साहन के तौर पर कैश दिया जाए, ताकि लोग गांव ना छोड़े। इसे लेकर इसी महीने 30 नवंबर को म्युनिशिपल काउंसिल में वोट डाले जाएंगे, जिसके बाद इस पर फैसला होगा।

एक परिवार को 45 लाख रुपये
अगर म्युनिसिपल काउंसिल इस प्लान पर मुहर लगा देती है, तो 45 साल के कम उम्र के शख्स को 16 लाख रुपये और प्रति बच्चा साढे 6 लाख रुपये के हिसाब से पैसा मिलेगा, swiss5यानी अगर दो बच्चों के साथ पति-पत्नी हैं, वो उन्हें इस गांव में रहने के लिये 45 लाख रुपये दिया जाएगा। अब देखना है कि म्युनिसिपल लोगों की इस सुझाव पर क्या करती है?

माननी पड़ेगी ये शर्ते
हालांकि ऐसा नहीं है कि कोई भी आएगा और पैसे लेकर चला जाएगा, म्युनिसिपल की भी कुछ नियम-शर्ते है, swiss-2जिसके अनुसार उन्हें कुछ नियम कानून को फॉलो करना पड़ेगा। बीट जोस्ट के अनुसार यहां बसने वाला कोई भी परिवार या इस स्कीम का फायदा लेने वाले परिवार अगले 10 साल तक गांव छोड़कर नहीं जा सकता, अगर वो जाना चाहता है, तो फिर उसे पूरी रकम वापस करनी होगी।