बाप-बेटे ने एक ही मैच में एक साथ की बल्लेबाजी, 5 में से एक भारतीय जोड़ी भी शामिल

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सुनने में थोड़ा नामुमकिन सा लगता है, लेकिन क्रिकेट इतिहास में पांच ऐसी जोड़ियां है, जिन्होने पिच पर एक साथ उतरकर अपनी बल्लेबाजी से दर्शकों को हैरान किया है।

New Delhi, Aug 24 : क्रिकेट में महान बल्लेबाजों और गेंदबाजों के नक्शेकदम पर चलकर उनके बच्चों के भी इसी खेल में नाम कमाने के कई उदाहरण मिल जाते हैं, लेकिन ऐसे गिनती के लोग हैं, जब पिता-पुत्र एक साथ पिच पर बल्ले से कमाल दिखा रहे हैं, सुनने में थोड़ा नामुमकिन सा लगता है, लेकिन क्रिकेट इतिहास में पांच ऐसी जोड़ियां है, जिन्होने पिच पर एक साथ उतरकर अपनी बल्लेबाजी से दर्शकों को हैरान किया है, इनमें से एक भारतीय पिता-पुत्र की जोड़ी भी शामिल है, तो एक पिता-पुत्र के पुरखों का नाता भारत की धरती से है, यानी भले वो विदेशी टीम के लिये खेल रहे हों, लेकिन रगों में खून भारतीय ही दौड़ रहा है, आइये इस बारे में आपको बताते हैं।

लाला अमरनाथ के साथ बेटे सुरिंदर
शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट फैंस होगा, जो पहले टेस्ट शतकधारी लाला अमरनाथ के बारे में नहीं जानता होगा, साल 1933 में मुंबई के मैदान पर अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाने वाले लाला अमरनाथ के दोनों बेटे मोहिंदर अमरनाथ और सुरिंदर अमरनाथ ने टीम इंडिया के लिये खेला, मोहिंदर 70 और 80 के दशक में स्टार क्रिकेटर थे, 1983 विश्वकप फाइनल में मैन ऑफ द मैच भी बने थे, वहीं 10 टेस्ट खेलने वाले सुरिंदर के बारे में कम लोग ही जानते हैं। साल 1963 में ऐसा मौका आया, जब लाला और बेटे सुरिंदर एक साथ पिच पर बल्लेबाजी के लिये उतरे, ये मुंबई में एक चैरिटी मैच था, तब लाला अमरनाथ की उम्र 52 साल था, तो सुरिंदर महज 15 साल के थे।

शिवनारायण चंद्रपाल
वेस्टइंडीज के लिये खेलने वाले भारतीय मूल के चंद्रपाल का रिकॉर्ड टीम इंडिया के खिलाफ शानदार रहा है, साल 2017 में उनका बेटा भी उनके साथ बल्लेबाजी के लिये उतरा, पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने 256 रनों की साझेदारी की थी, तेगनारायण को भी वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलने का दावेदार माना जा रहा है।

इंग्लैंड के क्वाफे पिता-पुत्र की जोड़ी
इंग्लैंड के लिये सिर्फ 7 टेस्ट मैच खेलने के बावजूद विली क्वाफे को अपने दौर का सबसे स्टाइलिश बल्लेबाजों में गिना जाता था, विली के बेटे बर्नार्ड भी बेहतरीन क्रिकेटर थी, उन्होने 319 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, दोनों पिता-पुत्र की जोड़ी ने वारविकशायर के लिये 1 या 2 नहीं बल्कि पूरे 20 मैच में एक साथ बल्लेबाजी की थी, इसके बाद बर्नार्ड दूसरी टीम के लिये खेलने लगे।

जिम्बॉब्बे के स्ट्रीक परिवार का जलवा
जिम्बॉब्बे के पूर्व कप्तान और अपने दौर के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक हीथ स्ट्रीक को सभी जानते हैं, जिम्बॉब्बे के लिये 65 मैच खेल चुके स्ट्रीक ने 216 विकेट लिया है और 2 हजार से ज्यादा रन बनाये हैं, हालांकि रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से उन्हें अपना करियर बीच में छोड़ना पड़ा, उन्होने भी पिता के साथ बल्लेबाजी की।

गन परिवार ने एक ही मैच में ठोका शतक
इंग्लैंड काउंटी टीम नाटिंघमशायर के लिये उस समय अनोखा रिकॉर्ड बना, जब साल 1931 में वारविकशायर के खिलाफ मुकाबले में जॉर्ज वेर्नोन गन ने अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में शतक लगाया, उसी समय उनके पिता जॉर्ज गन सीनियर 53 साल की उम्र में 183 रन ठोक चुके थे, ये क्रिकेट इतिहास का इकलौता मौका है, जब पिता-पुत्र की जोड़ी में दोनों ने शतक लगाया हो।