फ्लाइट के अटेडेंट और एयरहोस्टेस को फर्स्ट एड ट्रेनिंग दिया जाता है, इसके साथ ही सेफ्टी मैन्यूअल के साथ ही फर्स्ट एड इंस्ट्रक्शंस दिये जाते हैं, ताकि आपात की स्थिति में वो चीजों को संभालें।
New Delhi, Apr 03 : हाल ही में एक निजी एयरलाइंस कंपनी की एयरहोस्टेस ने कंपनी पर कपड़े उतारकर तलाशी लेने का आरोप लगाया है। कुछ महिलाओं ने तो यहां तक कहा कि उनके इनरवियर तक उतरवाये गये। हालांकि इनके आरोप के बाद कंपनी ने पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं। इस पूरे मामले का कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, हालांकि अभी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है।
चुनौतियां
एयरहोस्टेस बनने का सपना कई लड़कियों का होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ये फिल्ड बाहर से जितनी ग्लैमरस दिखती है, वाकई ये उतनी ग्लैमरस होती नहीं है। एयरहोस्टेस के सामने कई तरह की चुनौतियां होती हैं, आज हम आपको कुछ ऐसी ही चुनौतियों के बारे में बताते हैं, जिससे कि इस फिल्ड में जाने का सपना देखने वाली लड़कियां खुद को तैयार कर सके।
मॉक ड्रिल ट्रेनिंग
एयरहोस्टेस को समय-समय पर फुल डे ट्रेनिंग दिया जाता है, जिसमें फायर ड्रिल्स (आग अभ्यास) भी शामिल होता है, इसके साथ ही उऩ्हें मॉक ड्रिल की भी ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें विपरीत या फिर संकट की परिस्थितियों में कैसे एयरलाइंस को खाली करवाया जा सकता है, ये एयरहोस्टेस को सिखाया जाता है।
इमरजेंसी लैंडिग
फ्लाइट की इमरजेंसी लैडिग कैसे करवाना है, ये एयरहोस्टेस और बाकी स्टाफ को भी सिखाया जाता है, क्योंकि कई बार संकट की स्थिति का भी उन्हें सामना करना पड़ता है, इसलिये उन्हें ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिये पहले ही तैयार किया जाता है, ताकि वो अच्छे से हैंडल कर लें।
फर्स्ट एड ट्रेनिंग
फ्लाइट के अटेडेंट और एयरहोस्टेस को फर्स्ट एड ट्रेनिंग दिया जाता है, इसके साथ ही सेफ्टी मैन्यूअल के साथ ही फर्स्ट एड इंस्ट्रक्शंस दिये जाते हैं, ताकि आपात की स्थिति में वो चीजों को संभालें। इस नौकरी के लिये पढना ही जरुरी नहीं होता, बल्कि इसके साथ ही दूसरी चीजें भी फॉलो करना होता है।
मेडिकल नॉलेज
एयरहोस्टेस को मेडिकल फील्ड का कम से कम इतनी जानकारी होनी चाहिये, कि अगर फ्लाइट में किसी पैसेंजर को किसी तरह की परेशानी हो, तो वो उनकी मदद कर सके, विपरीत परिस्थितियों में पैसेंजर की लाइफ को सिक्योर कर सकें, इसके लिये उन्हें खास तौर से ट्रेनिंग दी जाती हैं।
ट्रेनिंग में इन बातों का ध्यान
एक एयरहोस्टेस ने बताया कि उनकी 60 फीसदी ट्रेनिंग सेफ्टी और इमरजेंसी से जुड़ी होती है, इस प्रोफेशन में बने रहने के लिये उन्हें समय-समय पर मेडिकल और फिटनेस टेस्ट से होकर गुजरना पड़ता है, इसके साथ ही उन्हें रिफ्रेशर कोर्स भी करने होते हैं, ताकि वो अपनी प्रोफेशन में बनी रहें।
सिर्फ डिग्री पर नौकरी नहीं
एयरहोस्टेस ने बताया कि हर साल अपने आप को फिट रखने की चुनौती होती है, ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक बार आपने डिग्री हासिल कर ली, तो ये जॉब आप हमेशा करती रहेगीं। इसके लिये फिजिकली और मेंटली स्ट्रॉग होने के साथ-साथ अपने स्किन की स्पेशल केयर भी करनी होती है, साथ ही अपना वजन भी कंट्रोल में रखना होता है।
इसके बिना जॉब नहीं
किसी मॉडल, एक्ट्रेस जैसी खूबसूरत और मेटेनेंस एयरहोस्टेस को करना होता है, इसके बिना जॉब नहीं चल पाती, कुछ यात्री एयरहोस्टेस के साथ बदतमीजी भी करते हैं, उन्हें साथ सोने तक के ऑफर दे देते हैं, इसके बावजूद उन्हें विनम्रता के साथ पेश आना होता है, उन्हें इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाती है, कि यात्रियों को कैसे हैंडल करना है।