हम दीये बेच रहे हैं, लेकिन कोई नहीं खरीद रहा, मासूम बच्चों की दिवाली पुलिस वालों ने ऐसे कर दी ‘हैप्पी’

चश्मदीद ने अपने पोस्ट में लिखा है बच्चों की उस समय जो हालत थी, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, मासूम हैं, उन्हें कुछ पैसों की चाहत थी, ताकि शाम को अच्छे से दिवाली मना सकें।

New Delhi, Nov 09 : आमतौर पर पुलिस को लेकर आम लोगों की राय अच्छी नहीं होती है, अगर बात यूपी पुलिस की करें, तो पिछले कुछ महीनों में कई बार ऐसी खबरें आई, जिससे लोगों की इस सोच को और पुख्ता कर दिया है। लेकिन यूपी के अमरोहा में एक ऐसा वाक्या हुआ, जो लोगों को अपने सोच पर दुबारा से विचार करने के लिये विवश करेगा। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें सड़क किनारे दो छोटे बच्चे बैठकर मिट्टी के दीये बेचते नजर आ रहे हैं, वहीं उनके सामने पुलिस वाले भी खड़े नजर आ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल
एक यूजर ने इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, उन्होने लिखा है कि दिवाली का बाजार सजा है, तभी पुलिस का दस्ता बाजार का मुआयना करने के लिये पहुंचता है, चश्मदीदों के अनुसार दस्ते में सैद नगली थाना के प्रभारी नीरज कुमार थे, उन्होने दुकानदारों को दुकानें लाइन में लगाने के निर्देश दिये, ताकि आम लोगों को ज्यादा परेशानी ना हो, उनकी नजर दो बच्चों पर पड़ी, जो जमीन पर बैठ मिट्टी के दीये बेच रहे थे।

दिवाली कैसे मनाएंगे ?
चश्मदीदों को लगा कि पुलिस वाले बच्चों को वहां से हटाएंगे, क्योंकि बच्चे रास्ते पर बैठ दीये बेच रहे थे, थाना प्रभारी खुद बच्चों के पास पहुंचे, उनका नाम पूछा, पिता के बारे में जानकारी मांगी, बच्चों ने बेहद मासूमियत से कहा, कि हम दीये बेच रहे हैं, लेकिन कोई खरीद ही नहीं रहा, जब बिक जाएंगे, तो हम खुद ही हट जाएंगे, अंकल बहुत देर से बैठे हैं, लेकिन दीये नहीं बिक रहे, हम गरीब हैं, दिवाली कैसे मनाएंगे ?

बच्चों की हालत बयां नहीं कर सकता
चश्मदीद ने अपने पोस्ट में लिखा है बच्चों की उस समय जो हालत थी, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, मासूम हैं, उन्हें कुछ पैसों की चाहत थी, ताकि शाम को अच्छे से दिवाली मना सकें, थाना प्रभारी ने बच्चों से पूछा कि दीये कितने के हैं, मुझे खरीदने हैं, नीरज कुमार ने दीये खरीदे, इसके बाद उनके साथ ड्यूटी पर मौजूद पुलिस वालों ने दीये खरीदे, इतना ही नहीं नीरज कुमार खुद बच्चों की साइड में खड़े हो गये, बाजार से गुजर रहे लोगों से वो दीये खरीदने की अपील करने लगे, जिससे बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

बच्चों को पुलिस वालों ने दिया तोहफा
जब सारे दीये बिक गये, तो थाना प्रभारी नीरज कुमार और पुलिस वालों ने दिवाली का तोहफा कह बच्चों को कुछ और पैसे दिये, पुलिस वालों की छोटी सी कोशिश ने एक गरीब की दिवाली की हैप्पी बना दिया। यूजर ने लिखा है कि घर जाकर ये बच्चे कितने खुश होंगे, इसका अंदाजा भी कोई नहीं लगा सकता, बच्चों की भीख देने से बेहतर है कि अगर वो कुछ बेच रहे हैं, तो उनसे ही खरीददारी कर लें, ताकि ना वो भिखारी बन पाएं, और ना ही अपराध की तरह जा सकें, बच्चों में भी मेहनत कर कमाने का जज्बा पैदा होगा।