कुशवाहा के वार पर जदयू का पलटवार, नीतीश कुमार से पूछा था डीएनए रिपोर्ट आई या नहीं

बीते सप्ताह ही पटना में सरदार पटेल की जयंती के एक कार्यक्रम में बोलते हुए कुशवाहा ने नीतीश कुमार को अपना बड़ा भाई कहा था।

New Delhi, Nov 06 : लोकसभा चुनाव 2019 में अब 6 महीने का समय रह गया है, बिहार एनडीए में उथल-पुथल शांत होने का नाम नहीं ले रहा, हालांकि समय-समय पर एनडीए के नेता कहते रहते हैं कि सबकुछ सामान्य हो गया है, सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं होगा, लेकिन केन्द्रीय मंत्री कुशवाहा ने एक बार फिर नीतीश पर हमला कर स्पष्ट कर दिया है, कि सब कुछ अभी सामान्य नहीं हुआ है। कुशवाहा किसी भी स्थिति में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में कम सीटों पर बिल्कुल नहीं मानने वाले हैं।

डीएनए रिपोर्ट क्या है ?
रविवार को मोदी सरकार में मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पूछा कि उनकी डीएनए रिपोर्ट क्या है। मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से पूछा कि आपको भले जरुरत हो या ना हो, लेकिन प्रदेश की जनता आप से ये जानना चाहती है, कि आपके डीएनए की रिपोर्ट क्या है, वो आयी या नहीं, अगर आई तो क्या रिपोर्ट है। जरा बताने का काम कीजिए।

बीते सप्ताह कहा था ‘बड़े भाई’
आपको बता दें कि बीते सप्ताह ही पटना में सरदार पटेल की जयंती के एक कार्यक्रम में बोलते हुए कुशवाहा ने नीतीश को अपना बड़ा भाई कहा था, उन्होने उनके शान में कसीदे पढते हुए जदयू प्रवक्ताओं को चेतावनी दी थी, कि संभल कर बोले, क्योंकि जितना वो नीतीश को जानते हैं, उतना ही वो भी उन्हें जानते हैं, इसके साथ ही उन्होने दावा किया था कि नीतीश सत्ता से तृप्त हो चुके हैं, अब वो सीएम की कुर्सी पर नहीं रहना चाहते हैं।

डील करने में लगे हैं कुशवाहा
सूत्रों का दावा है कि उपेन्द्र कुशवाहा के पास दोनों विकल्प खुले हैं, एक तरफ वो एनडीए में हैं, तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव उन्हें खुले तौर पर आमंत्रित कर रहे हैं, यही वजह है कि कुशवाहा बार-बार अपने बयानों से सुर्खियां बटोर रहे हैं, वो मौके की नजाकत को समझते हुए बयानबाजी कर रहे हैं, वो कभी नीतीश की तारीफ करते हैं, तो कभी खुलकर उनके खिलाफ बोलते हैं, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कुशवाहा क्लाइमेक्स का इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद ही वो अपने पत्ते खोलेंगे।

एनडीए में ही बनें रहेंगे
बीजेपी और जदयू के बीच सीटों पर सहमति बन चुकी है, अमित शाह ने खुद ऐलान किया था कि दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबसे शाह ने ये ऐलान किया है, सबसे ज्यादा बेचैनी में उपेन्द्र कुशवाहा हैं, हालांकि वो कई बार कह चुके हैं, कि एनडीए में हैं और यहीं रहेंगे, अगर सीटों पर बात नहीं बनी, तो पीएम से मिलेंगे। हालांकि बीच-बीच में तेजस्वी से भी लाइन जोड़ने की कोशिश करते हैं, जो इशारों में बीजेपी के लिये संकेत होता है, कि अगर उचित मान-सम्मान नहीं मिला, तो दरवाजे और भी खुले हैं।

जदयू का पलटवार
कुशवाहा के डीएनए वाले बयान पर जदयू ने पलटवार करते हुए कहा है कि रालोसपा प्रमुख पेट दर्द के लिये सिर दर्द की दवा ले रहे हैं। जो कल नीतीश कुमार को बड़ा भाई बता रहे थे, वो अब नीतीश का डीएनए रिपोर्ट मांग रहे हैं। मालूम हो कि पिछले कुछ महीनों से लगातार उपेन्द्र कुशवाहा और जदयू के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है।