अपने आलोचकों के खिलाफ ऐसे प्रतिशोधात्मक कदमों के लिए यह सरकार कुख्यात हो चुकी है !

सरकार ग़ैर-परम्परागत किस्म के अपेक्षाकृत एक नये राजनीतिज्ञ पर भी अपना-परिचित हथकंडा आजमायेगी, इसका अंदाज नहीं था!

New Delhi, Jul 13 : राजनीति-शास्त्री और स्वराज इंडिया के नेता प्रो योगेन्द्र यादव के बहन-बहनोई के रेवाड़ी (हरियाणा) स्थित नर्सिंग होम पर ‘आईटी छापे’ की खबर ने थोड़ा चौंकाया! इस देश और हरियाणा में न जाने कितने सारे नर्सिंग होम होंगे! पर छापेमारी के लिए चुना गया रेवाड़ी के एक नर्सिंग होम को! वो भी योगेन्द्र की बहन-बहनोई के नर्सिंग होम को!

योगेन्द्र से बात करने के बजाय मैंने इस खबर के बारे में रेवाड़ी, रोहतक, करनाल और चंडीगढ़ स्थित अपने कुछ संपादक और पत्रकार-मित्रों से बात की। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी जानकारी ली। जिन वरिष्ठ पत्रकारों से बात की, उनमें कुछ ऐसे भी हैं, जो योगेन्द्र या किसी अन्य नेता की राजनीति के बजाय भाजपा की राजनीति को समाज के लिए बेहतर मानते हैं!

पर इन सबने बताया कि योगेन्द्र की डाक्टर बहन और बहनोई की चिकित्सक के रूप में वहां अच्छी छवि है। उनके नर्सिंग होम को स्थानीय लोग आमतौर पर निजी क्षेत्र में चिकित्सा और व्यवहार के हिसाब से बेहतर जगह मानते हैं!

पर छापा पड़ा उसी नर्सिंग होम पर। ऐसे में योगेन्द्र यादव की यह दलील निराधार नहीं लगती कि हरियाणा में उनके संगठन के राजनीतिक अभियान से नाराज़ सरकार की यह प्रतिशोधात्मक कारवाई है! उनका संगठन इन दिनों हरियाणा में किसानों के बीच केंद्र और राज्य सरकार की किसान और आमजन-विरोधी नीतियों के खिलाफ अभियान चला रहा है!
अपने आलोचकों और विरोधियों के खिलाफ ऐसे प्रतिशोधात्मक कदमों के लिए यह सरकार कुख्यात हो चुकी है! गुजरात से दिल्ली तक इसके असंख्य उदाहरण मौजूद हैं! पर सरकार ग़ैर-परम्परागत किस्म के अपेक्षाकृत एक नये राजनीतिज्ञ पर भी अपना-परिचित हथकंडा आजमायेगी, इसका अंदाज नहीं था!

(वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)