विराट कोहली का फोन कॉल, और इस्तीफा मंजूर, जानिये परदे के पीछे की कहानी

virat ganguly

विराट कोहली- इतनी उपलब्धियों के बाद भी अगर कोई कप्तानी अचानक छोड़े, तो इसके पीछे ठोस वजहें जरुर होगी।

New Delhi, Jan 17 : विराट कोहली ने पहले टी-20 फिर टेस्ट की कप्तानी को अचानक छोड़कर सबको चौंका दिया है, हालांकि विराट के टी-20 कप्तानी छोड़ने और उनसे वनडे कप्तानी छीनने के बाद से ही इस बात का अंदेशा लगने लगा था कि वो जल्द ही टेस्ट कप्तानी भी या तो छोड़ देंगे, या उन्हें हटा दिया जाएगा, लेकिन इतना जल्दी होगा, शायद ये किसी ने सोचा नहीं होगा, खैर अब विराट टेस्ट टीम के कप्तान नहीं है, लेकिन इस प्रारुप में बतौर कप्तान वो धोनी और सौरव गांगुली पर भारी हैं, क्योंकि उनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने सबसे ज्यादा 40 टेस्ट मैच जीते, देश में एक भी सीरीज नहीं गंवाई।

इस्तीफे की कहानी
इतनी उपलब्धियों के बाद भी अगर कोई कप्तानी अचानक छोड़े, तो इसके पीछे ठोस वजहें जरुर होगी, फिर चाहें बीसीसीआई के आला अधिकारियों से उनकी पटरी ना बैठ रही हो, Sourav Ganguly Virat Kohli या फिर रोहित शर्मा को सीमित ओवरों का कप्तान बनाने से उन्हें अपना कद कमतर महसूस हो रहा हो, इस पर बात फिर कभी, फिलहाल उनके इस्तीफे की असली कहानी आपको बताते हैं।

चौंकाने वाली बात
विराट के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही है, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि विराट को एक बार भी बीसीसीआई की ओर से कप्तानी छोड़ने के फैसले पर विचार करने को नहीं कहा गया, virat kohli2 विराट ने केपटाउन टेस्ट हारने के बाद जैसे ही बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को अपने फैसले की जानकारी दी, तो उन्होने इसे फौरन मंजूर कर लिया, यानी बीसीसीआई पहले से ही इस बात के लुये तैयार थी।

फोन पर जानकारी
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार विराट ने शनिवार दोपहर 1 बजे यानी अपने टेस्ट कप्तानी छोड़ने के ट्वीट से कुछ घंटे पहले बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बारे में बताया, अचानक कप्तानी छोड़ने के उनके फैसले से गांगुली और जय शाह को थोड़ी हैरानी जरुर हुई, virat kohli लेकिन इस बार भी टी-20 की तरह बोर्ड ने उनसे इस फैसले पर दोबारा सोचने की कोई गुजारिश नहीं की। रिपोर्ट में कहा गया है कि विराट ने पहले ही कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया था, इसलिये उन्हें मनाने की कोशिश करने का कोई मतलब ही नहीं था, बीसीसीआई के आला अधिकारियों ने कोहली के टी-20 कप्तानी छोड़ने के बाद हुए विवाद से सबक लेकर इस बार चुप रहना ही बेहतर समझा।