4 बार होते-होते रह गई रतन टाटा की शादी, खुद बताया क्यों रहे प्यार में असफल?

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दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत में हुआ था, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन ने एक अलग पहचान बनाई, बेहतर मुकाम भी हासिल किया।

New Delhi, Dec 29 : टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने पूरी जिंदगी किसी से शादी नहीं की, हालांकि इसका ये मतलब भी नहीं है कि उन्होने कभी किसी से प्यार नहीं किया, एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने अपनी लव लाइफ का जिक्र किया था, उनकी जिंदगी में प्यार ने एक नहीं बल्कि 4 बार दस्तक दी थी, लेकिन मुश्किल दौर के आगे उनके रिश्ते की डोर कमजोर पड़ गई, इसके बाद फिर कभी रतन टाटा ने शादी के बारे में नहीं सोचा, बीते दिन उन्होने अपना 84वां जन्मदिन मनाया, इस मौके पर हम आपको उनकी लव लाइफ के बारे में बताते हैं।

प्यार में असफल
दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत में हुआ था, टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन ने एक अलग पहचान बनाई, बेहतर मुकाम भी हासिल किया, उन्होने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम किया, बिजनेस की दुनिया में तो रतन टाटा ने खूब नाम कमाया, लेकिन प्यार के मामले में असफल ही साबित हुए, एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में अविवाहित रतन टाटा ने अपनी लव लाइफ के बारे में कई खुलासे किये थे।

मोहब्बत को नहीं मिला अंजाम
रतन टाटा ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें प्यार हुआ था, लेकिन वो अपनी मोहब्बत को शादी तक नहीं पहुंचा सके, टाटा ने कहा कि दूर की सोचते हुए उन्हें लगता है कि अविवाहित रहना उनके लिये अच्छा साबित हुआ, क्योंकि अगर उन्होने शादी कर ली होती, तो स्थिति काफी जटिल होती, उन्होने कहा कि अगर आप पूछें, कि क्या मैंने कभी दिल लगाया था, तो आपको बता दूं कि मैं 4 बार शादी करने के लिये गंभीर हुआ, हर बार किसी ना किसी डर से पीछे हट गया, अपने प्यार के दिनों के बारे में टाटा ने कहा, जब मैं अमेरिका में काम कर रहा था, तो शायद मैं प्यार को लेकर सबसे ज्यादा सीरियस हो गया था, हम केवल इसलिये शादी नहीं कर सके, क्योंकि मैं वापस भारत आ गया।

भारत नहीं आना चाहती थी प्रेमिका
उस समय भारत-चीन युद्ध छिड़ा हुआ था, आखिर में उनकी प्रेमिका ने अमेरिका में ही किसी और से शादी कर ली, रतन टाटा की प्रेमिका भारत नहीं आना चाहती थी। रतन टाटा पैदा तो समृद्ध परिवार में हुए थे, लेकिन उनकी जिंदगी इतनी आसान नहीं रही, वो जब सात साल के थे, तो मम्मी-पापा अलग हो गये, उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया। उन्हें कारों का बहुत शौक है, उनकी निगरानी में ग्रुप ने लैंड रोवर, जैगुआर, रेंज रोवर एक्वायर की, लखटकिया कार टाटा नैनो का गिफ्ट देने वाले भी रतन टाटा ही थे, उन्हें विमान उड़ाने से लेकर पियानो बजाने तक का शौक है, अपने रिटायरमेंट के बाद उन्होने कहा था कि अब मैं अपना बाकी जीवन अपने शौक पूरे करना चाहता हूं, अब मैं पियानो बजाऊंगा, विमान उड़ाने के अपने शौक पूरे करूंगा। भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण साल 2000 में और पद्म विभूषण साल 2008 में सम्मानित किया था, ये देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।