धोनी नहीं बल्कि इस वजह से खत्म हो गया युवराज सिंह का करियर, मिले थे इतने मौके

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टीम इंडिया को दो बार विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह का क्रिकेट करियर खत्म होने के पीछे धोनी को वजह माना जाता है।

New Delhi, Dec 18 : बीते सप्ताह टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह 36 साल के हो गये, टीम से बाहर चल रहे युवी की वापसी अब मुश्किल ही लगती है, हालांकि सिक्सर किंग ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है, वो 2019 विश्वकप में खेलना चाहते हैं। टीम इंडिया को दो बार विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवी का क्रिकेट करियर खत्म होने के पीछे धोनी को वजह माना जाता है, कहा जाता है कि धोनी ने युवी की मदद नहीं की। स्टार क्रिकेटर के पिता योगराज सिंह ने अपने बेटे का करियर खराब करने का आरोप माही पर लगाये थे।

2011 विश्वकप के हीरो
युवराज सिंह 2011 आईसीसी विश्वकप टूर्नामेंट में मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गये थे, उन्होने 9 मैचों में 90.5 के शानदार औसत से 362 रन बनाये थे,yuvraj singh इसके साथ ही उन्होने 15 विकेट भी अपने नाम किये थे। सीरीज के दौरान युवी को कई बार खून की उल्टी भी हुई थी, लेकिन सब कुछ भूल वो टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने के मिशन में लगे हुए थे।

विश्वकप के बाद कैंसर की खबर
2 अप्रैल 2011 को विश्वकप का फाइनल खेला गया, इस टूर्नामेंट के खत्म होते ही युवी के फैन्स को एक बुरा समाचार मिला, कि उन्हें कैंसर है, yuviउन्हें चाहने वालों के लिये ये किसी बुरी खबर से कम नहीं थी। विश्वकप के तुरंत बाद वो अपने ट्रीटमेंट में जुच गये, इसके लिये उन्हें अमेरिका तक जाना पड़ा, युवी की बीमारी ने ही उनके करियर पर सबसे बड़ा ब्रेक लगा दिया।

बीस महीने का ब्रेक
युवराज सिंह जब अपने करियर के सबसे सुनहरे दौर से गुजर रहे थे, उसी वक्त बीमारी ने उन्हें चपेट में ले लिया, विश्वकप के बाद युवी जिस फॉर्म में थे, yuvi1उन्हें रोक पाना आसान नहीं होता, लेकिन बीमारी की वजह से उनकी लय टूट गई, वो करीब बीस महीने तक टीम इंडिया से दूर रहे, हालांकि उन्होने वापसी कर खुद के फाइटर होने के सबूत दिये।

धोनी ने दिये कई मौके
टीम इंडिया में युवराज सिंह धोनी से सीनियर थे, वो टीम में भी पहले आए थे, लेकिन कप्तानी धोनी को मिली, साल 2011 से 2012 तक युवी कैंसर से जंग लड़ रहे थे, Dhoni3अप्रैल 2012 में वो देश वापस लौटे, और क्रिकेट के मैदान पर खुद को साबित करने के लिये कोशिश शुरु की। धोनी ने जल्द ही युवी को टीम में वापसी का मौका दिया, दिसंबर 2012 में पाक के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्हें मौका दिया गया।

टीम से हो गये बाहर
वापसी के बाद युवी ने पहले ही मैच में सिर्फ 2 रन बनाये, हालांकि इसके बाद भी उन्हें टीम में जगह मिलती रही, धोनी ने उन्हें एक या दो बार नहीं बल्कि साल 2013 में बार-बार मौके दिये, Yuvraj singh fatherइस दौरान उन्होने 19 मैचों में सिर्फ 2 अर्धशतक जमाया। सिक्सर किंग का रौनक ही खो चुका था, जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।

माही ने खराब किये युवराज के 3 साल
युवी के पिता योगराज सिंह ने कहा था कि माही ने स्टार बल्लेबाज के क्रिकेट करियर के 3 महत्वपूर्ण साल बर्बाद कर दिये। एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में उन्होने कहा था कि एक दिन माही पाई-पाई को मोहताज हो जाएंगे और भीख मांगेंगे। Yograj Singhयुवी के पिता इतने पर ही नहीं रुके, उन्होने पूर्व कप्तान की तुलना रावण से कर दी थी, उन्होने कहा था कि धोनी बहुत अहंकारी है, जिस तरह रावण का अहंकार एक दिन खत्म हो गया, वही हाल धोनी का भी होगा।

कोहली की वजह से हुई टीम में वापसी
युवराज सिंह की वापसी इसी साल जनवरी में हुई, आपको बता दें कि इसी साल विराट कोहली को तीनों फॉर्मेट का कप्तान नियुक्त किया गया है, Yuvi dhoniजब टीम में युवी की वापसी हुई, तो उन्होने बताया कि विराट की वजह से ही वो सन्यास नहीं ले पाएं, नहीं तो वो क्रिकेट को अलविदा कह देते, आपको बता दें कि विराट कोहली युवराज सिंह के बड़े प्रशंसक हैं, उन्होने युवी को मैच विनर और बड़े टूर्नामेंट का खिलाड़ी बताया था।

दोनों विश्वकप के रहे हीरो
बीते दस सालों में टीम इंडिया दो बार विश्वकप जीती है, जिसमें पहला विश्वकप साल 2007 में टी-20 का था, तो दूसरा आईसीसी विश्वकप, yuvraj singh6दोनों ही टूर्नामेंट में युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज चुने गये, जब-जब टीम मुश्किल में फंसी थी, तब-तब युवी ने गेंद, बल्ले के साथ-साथ अपनी फिल्डिंग से भी सबको हैरान किया।