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ये हैं भारत के सबसे बड़े राज, सस्पेंस खुला तो देश हो जाएगा मालामाल

आज हम आपको कुछ ऐसे ही सस्पेंस के बारे में बताते हैं, जिसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है।

New Delhi, Jan 23 : भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, हमारे देश के हर इलाके का इतिहास हैरान करने वाला है, कभी इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था, तो कभी कहा गया कि यहां के लोग हजारों साल पहले विमान उड़ाते थे, एटम बम से खतरनाक ब्रह्मास्त्र चलाते थे। हालांकि अब ये सिर्फ कहानियां है, इनका कभी सबूत मिलेगा, ये भी कहा नहीं जा सकता। आज हम आपको कुछ ऐसे ही सस्पेंस के बारे में बताते हैं, जिसका खुलासा आज तक नहीं हो पाया है।

श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के 6ठें तहखाने में क्या है ?
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर केरल में है, इसके बारे में कहा जाता है कि इसके तहखानों की रक्षा जहरीले सांप करते हैं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर के 5 तहखानों को खोला जा चुका है, जिसमें से करीब 22 अरब डॉलर का खजाना मिला है।

जैसे ही 6ठें तहखाने को खोलने की कोशिश की गई, मंदिर की व्यवस्था देखने वाले परिवार ने इस पर आपत्ति जता दी, उनका कहना है कि ऐसा किया, तो विनाश होगा, अब इस पर भी फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करना है।

75 साल से बिना कुछ खाये कैसे जिंदा है ये साधु ?
प्रहलाद जानी नाम के एक साधु ने पिछले 75 साल से कुछ भी नहीं खाया है, फिट भी फिट हैं, इनकी उम्र करीब 85 साल है, आपको बता दें कि बाबा प्रहलाद जानी गुजरात के अंबाजी मंदिर के पास एक गुफा में रहते हैं, इनका दावा है कि जब वो 12 साल के थे, तब देवी जैसी 3 कन्याएं उनके पास आई और उनके जीभ पर उंगली रख दी, तब से उन्हें आज कर ना भूख लगी और ना ही प्यास। वो जंगलों में 100-200 किलोमीटर पैदल ही सैर को निकल जाते हैं, फिर वहीं 12 घंटों तक ध्यान भी करते हैं, अलग-अलग समय में दो डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच की, लेकिन डॉक्टरों के हाथ कुछ नहीं लगा, बाबा प्रहलाद जानी की कहानी विज्ञान के लिये एक चुनौती है।

सम्राट अशोक की सीक्रेट सोसाइटी
सम्राट अशोक की सीक्रेट सोसाइटी में 9 लोग है, हर शख्स के पास एक किताब है, और हर किताब में एक विज्ञान, इन किताबों में जैविक हथियार के साथ-साथ, सिर्फ छूकर मार देने की कला, किसी भी मेटल से गोल्ड बनाने की तकनीक जैसे कई राज है। ऐसी मान्यता है कि कलिंग युद्ध में हिंसा से परेशान होकर अशोक ने ना सिर्फ खुद शांति का रास्ता अपनाया, बल्कि उन्होने उस समय तक जमा तमाम विज्ञान को छिपा दिया था, उन्हें डर था कि आने वाली पीढिया भी इसका इस्तेमाल मानवका के खिलाफ कर सकती है, इसी वजह से उन्होने 9 लोगों की एक टीम बनाई, और सारी जानकारी उन्हें एक किताब में छिपाकर दे दी। फिर ये नौ लोग अगली पीढी के नौ लोगों को ये जानकारी और जिम्मेदारी दी, ये सिलसिला आज भी जारी है।

सोन भंडार गुफा का खजाना
सोन भंडार के गुफा को तोप से उड़ाकर तोड़ने की कोशिश की गई, इस गुफा के दरवाजे पर आज भी गोलों के निशान हैं, कहा जाता है कि ये कोशिश अंग्रेजों ने की थी, लेकिन वो नाकाम रहे। बिहार के राजगीर में बसे उस गुफा में बहुत बड़ा खजाना मिलने की उम्मीद थी। ऐसी मान्यता है कि मौर्य साम्राज्य के राजा बिम्बसार का ये खजाना है, गुफा की दीवार पर शंख लिपि में कुछ लिखा हुआ भी है, जो उस खजाने के दरवाजे को खोलने का तरीका है, लेकिन आज तक कोई उसे पढ ही नहीं पाया है।

200 सालों से वीरान गांव का राज ?
600 से ज्यादा घर, एक मंदिर, 1 दर्जन कुंए, एक बावड़ी, 4 तालाब और आधा दर्जन छतरियां, बावजूद इसके ये गांव करीब दो सौ सालों से वीरान है, इस गांव का नाम है कुलधरा, ये राजस्थान के जैसलमेर में है। इस गांव का इतिहास अंदर तक हिला देने वाला है। कहा जाता है कि इस गांव में पालीवाल ब्राह्मण रहते थे, जैसलमेर रियासत के दीवान सालिम सिंह के अत्याचारों से वो परेशान हो गये थे, सालिम सिंह गांव की ही एक लड़की से ब्याह करने की जिद छेड़ दी, जबकि उसकी पहले से सात बीवियां थी, सालिम सिंह ने पालिवालों को 1 दिन की मोहलत दी, अपने सम्मान की रक्षा के लिये उस गांव के लोगों ने पंचायत बुलाई, कुलधरा समेत सभी 83 गांवो से उन्होने पलायन करने का फैसला लिया, आने वाले 200 सौ सालों में बाकी के गांव बस गये, लेकिन कुलधरा और खाबा गांव वीरान ही रहे, लोग यहां दिन में भी जाने से डरते हैं।

समुद्र के नीचे हैं पूरा शहर ?
समुद्र के अंदर समा गई एक पूरी नगरी, अवशेष तो लगातार मिल रहे हैं, लेकिन पूरी नगरी आज तक नहीं मिले। जी हां, हम बात कर रहे हैं श्रीकृष्ण द्वारा बसाई गई नगरी द्वारिका की, साल 1988 से समुद्र के नीचे खोजों का सिलसिला जारी है, अब तक 250 से ज्यादा सबूत मिल तुके हैं, लेकिन फिर भी यहां खोज जारी है।

आत्महत्या करने आते हैं पक्षी ?
गुवाहाटी से 330 किलोमीटर दूर असम में एक गांव है जातिंगा, यहां पक्षी आत्महत्या करने आते हैं, ज्यादातर लोगों का ऐसा ही मानना है कि जैसे ही पक्षी किसी खास रोशनी को देखते हैं, उस पर एक साथ गिरने लगते हैं, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि जातिंगा एक घाटी है, जहां फनल इफेक्ट पैदा होता है, यानी हवा की स्पीड कम होने के कारण पक्षी ठीक से उड़ नहीं पाते और दीवारों से टकराकर मर जाते हैं।

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