New Delhi, Apr 26 : आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि डीएसपी चंचल मिश्रा आसाराम केस की जांच अधिकारी रही हैं, इस महिला अधिकारी ने पीड़ित लड़की को न्याय दिलाने के लिये अपनी पूरी ताकत लगा दी। केस में फैसला आने के बाद महिला पुलिस अधिकारी ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात की है, और केस के बारे में काफी कुछ बताया।
केस की पहली जांच अधिकारी
चंचल मिश्रा आसाराम के इस केस की पहली जांच अधिकारी थी, उन्होने बताया कि 6 नवंबर 2013 को चार्जशीट फाइल कर दी थी, इसके बाद जिरह का दौर शुरु हुआ।
छुट्टी नहीं ले पा रही थीं
जांच अधिकारी ने बताया कि कई बार लगातार 5 दिन कोर्ट में ट्रायल होती, दो दिन छुट्टी होती, तो भीलवाड़ा और केकड़ी के पोस्टिंग का काम देखती।
अपराधी को सजा दिलाना फर्ज
महिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि बेटी को न्याय मिला है, ये केस निश्चित रुप से पुलिस और न्याय प्रणाली में लोगों का विश्वास मजबूत करने वाला है।
इसी बात की मिलती है ट्रेनिंग
डीएसपी भीलवाड़ा चंचल मिश्रा ने कहा कि पुलिस में तो धमकियों से डरने का सवाल ही नहीं है, हमें ट्रेनिंग ही इसी बात की दी जाती है,
सजा होते ही मां बोली, शाबाश
दोपहर करीब ढाई बजे चंचल मिश्रा अपने ऑफिस से लंच के लिये बाहर निकली थीं, अभी वो अपनी गाड़ी के पास पहुंची ही थी, कि उनका फोन बज उठा,
खुशी से निकल आये आंसू
चंचल मिश्रा के साथ स्टाफ भी टीवी पर टकटकी लगाये रहे, वो जब भी जोधपुर जातीं, गनमैन कंवरलाल मीणा साये की तरह उनके साथ रहते।
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