New Delhi, May 28 : भारत में भी अब पेशेंट सिर्फ एक SMS या वॉट्सऐप मैसेज के जरिए यह पता लगा सकते हैं कि जो दवाई वो खरीद रहे हैं, वो असली है या नकली । नकली दवाईयों के बढ़ते कारोबार को रोकने के लिए ये एक बड़ा कदम माना जा रहा है । दवाईयों को लेकर सामने आ रही गड़बडि़यों को रोकने के लिए बड़ी फार्मा कंपनियां ये कदम उठाने की तैयारी में है । ये प्रयोग कामयाब रहा तो डुप्लीकेसी को रोकने में बहुत मदद मिलेगी ।
एक SMS से जानकारी
बाजार में बड़े ब्रांड के नाम से नकली दवाईयों को बेचे जाने का धंधा जोरों से चल रहा है, कई बार इन नकली दवाओं के चलते मरीज की हालत
तीन महीने में हो सकती है शुरुआत
जानकारी के मुताबिक अगले तीन महीने में यह कोड दवाईयों के रैपर के ऊपर प्रिंट किया जा सकता है । कोड के साथ दवाईयों के बाजार में
दवाई असली है या नकली, ऐसे चलेगा पता
SMSस के जरिए असली, नकली दवा के बारे में पता लगाने के लिए कंपनियां अपनी दवाईयों के रैपर पर 14 डिजिट का नंबर प्रिंट करेंगी । यह
ये जानकारी होगी प्राप्त
दवा के बारे में SMS भेजने के बाद उस व्यक्ति को कंपनी की तरफ से मैसेज आएगा। इस संदेश में मैन्युफैक्चरर का नाम, पता, बैच नंबर,
बोर्ड ने दी मंजूरी
टॉप ब्रांड कंपनियों के इस प्रयोग को मंजूरी दे दी गई है । ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने ‘ट्रेस एंड ट्रैक’ प्रपोजल को अप्रूव कर दिया है ।
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