New Delhi, May 21 : भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता, ये बात पंजाब सरकार ने कही है। दरअसल पंजाब की कांग्रेस सरकार ने शहीदों की आधिकारिक सूची की मांग पर जवाब देते हुए ये बात कही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने संविधान के आर्टिकल-18 का जिक्र करते हुए बताया है कि एबोलिशन ऑफ टाइटल्स नियम के तहत शहीद-ए-आजम भगत सिंह औपचारिक तौर पर शहीद नहीं कहे जा सकते। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने ये भी कहा है कि उनके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है।
वकील ने लिखी थी चिट्ठी
आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हरिचंद अरोड़ा ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर पूछा था, कि क्या पंजाब में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद का दर्जा दिया गया है।
अधिकार नहीं
पंजाब सरकार ने एडवोकेट के पत्र में जो जवाब दिया है, उसमें उन्होने बताया है कि युवाओं के हीरो और देश के जान देने वाले ये तीनों औपचारिक तौर पर शहीद नहीं हैं,
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का हवाला
पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इस चिट्ठी के जवाब में दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले का भी जिक किया है।
समय-समय पर उठती रहती है मांग
पंजाब और देश के अलग-अलग हिस्सों में भगत सिंह के केस और उन्हें शहीद का दर्जा दिये जाने की मांग पुरानी है।
भूख हड़ताल
देश की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद का दर्जा दिलाने को लेकर जबर विरोधी संघर्ष कमेटी के संयोजक जसवंत सिंह भारटा पिछले 8 दिनों से पंजाब में भूख हड़ताल कर रहे हैं।
देश के लिये दी जान
आपको बता दें कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने इस देश की आजादी की लड़ाई में अपनी जान दी है। भगत सिंह पर लाहौर एसेंबली में बम फोड़ने का आरोप था।
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