New Delhi, Mar 04: भारत में परंपराएं ना जाने कितनी सदियों से चली आ रही हैं और अभी भी इनका निर्वहन हो रहा है। कुछ परंपराएं हैरान भी करती हैं तो कुछ परंपराएं मन में कई सवाल खड़े करती हैं। इस बीच हम आज आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बता रहे हैं, जहां भगवान शिव के आदेश पर एक मेले की तिथि निर्धारित की जाती है। आइए इस बारे में जानते हैं।
इसे कहते हैं छोटा कुंभ
सबसे पहले ये बात जान लीजिए कि इसे छोटा कुंभ कहा जाता है। ये मेला हर 15 साल में एक बार
भारत और नेपाल के ग्रामीण आते हैं
खास बात ये है कि इस मेले में भारत और नेपाल के ग्रामीण बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। स्थानीय भाषा
इतने गांवों के देवता
मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जम्कू, खेत, खेला, गर्गुवा, रांथी, रफली, जुम्मा गांव के लोग इस मेले में
मेले में सामुहिक भोज
मेले के दौरान सामूहिक भोज करवाया जाता है, जिसके बाद ग्रामीण वापस लौटते हैं। इस मेले की
देवता तय करते हैं तिथि
महादेव द्वारा आदेश दिए जाने के बाद देवडांगर इसकी तिथि निर्धारित करते हैं। पिछली बार इस मेले
ये भी है खास बात
इतना जरूर है कि परंपराओं के देश कहे जाने वाले भारत में इस मेले को देखने के लिए दूर दूर से लोग
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