New Delhi, Aug 12 : ये बहादुरी की कहानी उस जाबांज की है, जिसने कारगिल में अपने शरीर पर 17 गोलियां खाई थी, उनके 20 से ज्यादा साथी शहीद हो चुके थे, लेकिन उनके जज्बे को पाकिस्तानी नहीं तोड़ पाए, उस बहादुर सोल्जर का नाम योगेन्द्र सिंह यादव है, 17 गोलियां खाने के बाद भी वो पाकिस्तानी सैनिकों से जंग लड़ते रहे और टाइगर हिल पर उनके तीन बंकरों पर कब्जा भी किया।
सबसे कम उम्र में पाया परमवीर चक्र
योगेन्द्र सिंह यादव सबसे कम उम्र में परमवीर चक्र पाने वाले बहादुर सैनिक हैं, वो साहिबाबाद के लाजपत नगर के रहने वाले हैं।
पहाड़ी की चढाई
इस बहादुर फौजी ने उस युद्ध को याद करते हुए बताया कि हमने करीब 20 साथियों के साथ बर्फीले तूफान को चीरते हुए पहाड़ी पर चढाई शुरु की।
तीन बंकरों पर किया कब्जा
उन्होने आगे बोलते हुए कहा कि हमारी टीम पहाड़ी पर चढ गई, लेकिन इस दौरान हमारे 14 साथी शहीद हो चुके हैं, अब हम सिर्फ सात बचे थे,
बेहोश होकर गिर पड़ा
योगेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि 17 गोलियां खाने के बाद मैं बेहोश होकर गिर पड़ा, पाकिस्तानी सैनिक पैरों से मार-मार भारतीय सैनिकों की जांच कर रहे थे, कि कौन सा फौजी जिंदा है,
ग्रेनेड फेंका
योगेन्द्र ने पाकिस्तानी सैनिकों पर ग्रेनेड से हमला किया, जिसमें कुछ के तो चीथड़े उड़ गये, लेकिन कुछ छिप गये, उन्होने बताया कि मेरे पास हथियार तो थे,
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