New Delhi, Nov 21 : 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो गए। सुबह से ही बाबा के महाभिषेक पूजा शुरू हो गई थी। मंदिर में सुबह से वेद ऋचाओं का वाचन किया गया। इसके बाद वेदपाठियों ने गुप्त मंत्रों से भगवान बदरीनाथ का आह्वान किया। धार्मिक परंपरा के मुताबिक रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने माता लक्ष्मी का वेश धारण किया और इसके बाद लक्ष्मी जी की प्रतिमा को बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में रखा।
कुंवारी कन्या ही कर सकती है ये काम
इसके बाद यहां एक खास काम हुआ, जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी भी होगी और आप इस
माणा गांव में तैयार होती है कंबल
जिस दौरान बदरीनाथ के कपाट बंद होते हैं, उस दौरान पास के ही गांव माणा में कुंवारी कन्याओं के
बाबा को चढ़ाते हैं बीना कंबल
जिस दिन बाबा बदरीनाथ के कपाट बंद होते हैं, उस दिन माणा गांव की कुंवारी लड़कियां स्थानीय ऊन
इस कंबल को ओड़ते हैं बाबा
इसके बाद उन्हें ये कंबल ओड़ाई जाती है। शीतकाल के दौरान 6 महीने तक बाबा बदरीनाथ इसी कंबल
प्रसाद के रूप में बंटता है अंगवस्त्र
कपाट खुलने के दिन यही अंगवस्त्र प्रथम प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है।
रो पड़ते हैं सैकड़ों लोग
इसके अलावा उद्वव जी की मूर्ति को रावल निवास पर रखा गया। सभी पूजाएं करने के बाद रावल
कैसर कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर प्राइस पैटर्न के अनुसार अगर किसी निवेशक के इस शेयर…
दूसरे कार्यकाल में यूपी पुलिस ने माफिया को चिन्हित करने की संख्या भी बढा दी,…
प्रदीप गवांडे राजस्थान पुरातत्व विभाग में डायरेक्टर हैं, वहीं टीना डाबी राजस्थान सरकार में संयुक्त…
आय के नए रास्ते खुल रहे हैं, अवसर का लाभ उठाएं ।मित्रों और सगे- सम्बंधियों…
इस तस्वीर में त्रिधा चौधरी ब्रालेस तो है, ही साथ ही बोल्ड कपड़े पहने नजर…
अंशुला के इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि वो अपनी वन पीस ड्रेस…