New Delhi, Jul 27 : चंद्रग्रहण के समय नकारात्मक शक्तिया प्रबल मानी जाती है । इस काल में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है जो व्यक्ति पर विपरीत असर डालता है । इस समय भगवान की मूर्ति या चित्र को छूना, भोजन करना और स्नान करना वर्जित माना जाता है । सूतक के समय से ही किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए । भोजन ग्रहण करने और पकाने से भी दूर रहें । देवी देवताओं और तुलसी को भी नहीं छूना चाहिए ।
अन्न से दूरी बनाएं
सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक ‘अरुन्तुद’ नरक में वास करता है।
तुलसी का कर सकते हैं प्रयोग
ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे
पति-पत्नी बनाएं दूरी और गर्भवती स्त्रियां भी रखें ध्यान
ग्रहण काल में पति और पत्नी को एक दूसरे से दूर रहना चाहिए । शारीरिक संबंध से परहेज करना चाहिए । इस काल में संसर्ग से पैदा हुए बच्चे
जप करें, फायदा मिलेगा
मंत्र का अर्थ ही होता है मन को एक तंत्र में स्थापित करना । अर्थात इधर धर भटक रहे मन को एक ही ऊर्जा की ओर केन्द्रित करना । मंत्र जाप
5 सरल मंत्र
आगे आपको देवी-देवताओं के 5 सरल मंत्र बताए जा रहे हैं । जिनका जप करके आप चंद्र ग्रहण के समय में नेगेटिव ऊर्जाओं से खुद को दूर
विष्णु मंत्र – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
श्रीकृष्ण मंत्र – क्लीं कृष्णाय नम:
श्रीराम मंत्र – सीताराम
हनुमान मंत्र ऊँ रामदूताय नम:
शिव मंत्र – ऊँ नम: शिवाय
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