अध्यात्म

सोमवती अमावस्या कल, भूलकर भी ना करें ये काम, नहीं तो पछताना पड़ेगा

सोमवती अमावस्या का संयोग साल में दो या तीन बार बन जाता है। लेकिन अश्विनी के साथ पवित्र वैशाख महीने में ये संयोग बहुत ही कम बन पाता है।

New Delhi, Apr 15 : अमावस्या पवित्र तिथि है, इस दिन पितृओं की पूजा की जाती है, जिससे पितृदोष के साथ-साथ कालसर्प दोष में भी शांति होती है। इस बार वैशाख महीने की अमावस्या सोमवार को होने की वजह से सोमवती अमावस्या हो गई है। सोमवार को अमावस्या का संयोग साल में दो या तीन बार बन जाता है। लेकिन अश्विनी के साथ पवित्र वैशाख महीने में ये संयोग बहुत ही कम बन पाता है। इसलिये ये अमावस्या पितृदोष और कालसर्प दोष के लिये बहुत ही खास हो गई है।

सोमवती अमावस्या
बहुत से लोगों को पता नहीं होता, कि सोमवती अमवस्या पर क्या करना चाहिये और क्या नहीं, इसी वजह से लोग जाने-अनजाने ऐसे काम भी कर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें दोष लगता है। वहीं कुछ छोटे-छोटे उपाय भी होते हैं, जिनको करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं, आइये आपको बताते हैं कि इस सोमवती अमावस्या पर पितृदोष और कालसर्प दोष से बचने के लिये क्या उपाय करें और क्या ना करें।

क्या करें ?
सोमवती अमावस्या पर धान, पान, हल्दी, सिंदूर और सुपारी से पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा करें। हर परिक्रमा पूरा करने के बाद इनमें से कोई भी एक चीज चढाएं, उसके बाद अपने सामर्थ्य यानी जितनी आपकी शक्ति है, उस अनुसार फल, मिठाई, खाने की चीजें या सुहाग सामाग्री किसी मंदिर के पुजारी या किसी गरीब को दान में दे दें।

ये भी करें
इसके अलावा सुबह बह्म मूहूर्त में उठकर स्नान के बाद शिवजी को जल चढाएं, फिर गरीबों को खाने की चीजें दान में दें। पितृओं की पूजा करें। पितृओं के लिये बाह्मण या किसी मंदिर के पुजारी को भोजन करवाएं। गाय, कुत्ता और कौवों को रोटी खिलाएं। इससे पितृदोष के साथ-साथ कालसर्प दोष भी खत्म होगा।

क्या ना करें ?
सोमवती अमावस्या के दिन शराब और मांस से दूर रहे, साथ ही शारीरिक संबंध ना बनाएं, किसी का झूठा भोजन करने से बचें। बिना नहाये ना रहें। शेव, बाल कटिंग और नेल कटिंग ना करें। दोपहर में ना सोएं, प्याज-लहसुन जैसी तामसिक चीजें भी ना खाएं। यानी सोमवार के दिन कोई भी अनैतिक काम करने से बचें।

पितृदोष में शांति के लिये
सोमवती अमावस्या पर सूर्योदय से पहले यानी बह्ममूहूर्त में पीपल के पेड़ पर जल और कच्चा दूध चढाने से पितृदोष की शांति होती है। इसके साथ ही सूर्य के उदय के समय किसी भी पवित्र नदी में कच्चा दूध और पानी मिलाकर बहा दें, इससे भी पितृदोष में शांति मिलती है, इसलिये ऐसा जरुर करें।

कालसर्प दोष
चांदी के नाग-नागिन बनवा लें, फिर उनकी पूजा करें, पूजा करने के बाद इसे किसी शिवलिंग के पास रख दें, या किसी पवित्र नदी में इसे ले जाकर बहा दें। इससे कालसर्प दोष में शांति मिलती है। इसके अलावा सफेद कपड़े में चावल, सफेद मिठाई, चांदी का सिक्का, और एक नारियल रखकर खुद पर से 7 बार घुमा लें, फिर उसे किसी पवित्र नदी में बहा दें, इससे कालसर्प दोष में शांति होती है।

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