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कभी टॉर्च तो कभी मीरा, इन 7 कोडवर्ड्स से लड़कियां सिलेक्ट करता था आसाराम

साल 2013 में आसाराम के करीबी वैद्य रहे उनके सहायक ने कई सनसनीखेज खुलासे किये थे।

New Delhi, Apr 26 : नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में आसाराम दोषी करार दिये गये हैं, जोधपुर के विशेष कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने बुधवार सुबह सेंट्रल जेल में कोर्ट लगाकर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले के बाद आसाराम रोने लगा, वो कोर्ट से अपनी उम्र की दुहाई देकर रहम करने को कहता रहा। लेकिन कोर्ट ने एक ना सुनी। साल 2013 में आसाराम के करीबी वैद्य रहे उनके सहायक ने कई सनसनीखेज खुलासे किये थे।

कोडवर्ड से लड़की सलेक्ट
अगस्त 2012 में हुए 16 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का खुलासा करीब एक साल बाद साल 2013 में हुआ था। आसाराम के पूर्व सहयोगी महेंद्र चावला और उसके पूर्व वैद्य अमृत प्रजापति ने मीडिया से कहा था कि Asaram 7 कोडवर्ड्स के जरिये अपने सेवादारों और मलंग महिलाओं से बातें करते थे। इन्हीं कोडवर्ड्स को समझकर उनके सेवादार 12 -20 साल की लड़कियों को उनके पास भेजता था।

सहयोगी को जान से मारने की धमकी
महेन्द्र चावला लंबे समय तक आसाराम और उनके बेटे नारायण साई से जुड़े रहे हैं, उन्होने एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था कि मुझे जनवरी 2005 में पता चला था कि आश्रम में गलत काम हो रहा है, मैं तुरंत आश्रम नहीं छोड़ सकता था। क्योंकि तब मुझे नारायण सांई ने धमकी दी थी कि अगर मेरे या आश्रम के खिलाफ बाहर जाकर कुछ भी बोलोगे, तो तुम्हारी हत्या हो जाएगी।

ब्लैक पेपर पर करवाया था साइन
Asaram के पूर्व सहयोगी ने कई हैरान करने वाले खुलासे करते हुए बताया था कि मुझसे 5 ब्लैक पेपर पर साइन करवाये गये थे, जिसे उन्होने सुसाइड नोट बनाकर इस्तेमाल करने की धमकी दी थी। फिर मैंने अगस्त 2015 में आश्रम छोड़ दिया था, लेकिन धमकियों के डर से मैं 8 सालों तक चुप रहा, मुझे डर लग रहा था कि बोलूंगा, तो वो मेरी हत्या करवा देंगे। आइये आपको बताते हैं कि Asaram किन कोडवर्ड्स का इस्तेमाल करता था।

टॉर्च
जिस लड़की पर Asaram तीन बार टॉर्च मारते थे, सेवादार उस लड़की को तैयार कर उसके पास भेजते थे। पूर्व सहयोगी के अनुसार Asaram 12 से 20 साल की लड़कियों पर ज्यादा नजर रखता था।
ध्यान वाली लड़की
Asaram के लिये ध्यान वाली लड़की वो होती है, जो उन्हें सर्विसेज दे। जैसे ही वो अपने सेवादार को ये शब्द बताते थे, कि सेवादार लड़की को उनके पास भेज देते थे।

मीरा
सतसंग में जो लड़की अच्छी लगती थी, Asaram उसे मीरा कहता था। फिर सेवादार इशारा समझ जाते थे और उस लड़की को फांसने में लग जाते थे।
जोगन
Asaram की शिकार 12 से 20 साल की लड़कियां बनती थी, जो उसे पसंद आ जाए, वो उसे जोगन कहते थे।

काजू-बादाम का प्रसाद
आमतौर पर Asaram के आश्रम में काजू-बादाम का प्रसाद ज्यादा चढावा देने वाले को मिलता था, बिना कुछ दिये किसी लड़की को मिलते थे, यानी वो लड़की ध्यान वाली लड़की बनेगी।
समर्पण
सेवादार लड़कियों को समर्पण करने के लिये तैयार करते थे, ताकि लड़की Asaram के सामने समर्पण कर दे।
एकांतवास
किसी लड़की को एकांतवास में बुलवाना मतलब उससे सेवाएं लेना।

IBNNews Network

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