New Delhi, Aug 29 : एशियन गेम्स में रेसलिंग में ब्रॉन्ज पदक हासिल करने वाली दिव्या काकरान देश वापस लौट चुकी हैं, दिल्ली के गोकुलपुरी में रहने वाली दिव्या बेहद मुश्किल हालात में ट्रेनिंग कर देश के लिये पदक लाई है। इस महिला पहलवान की कहानी बेहद प्रेरणा देने वाली है। एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए दिव्या ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी बयां की। दिव्या पूर्वी दिल्ली के बेहद तंग गलियों में बसे गोकुलपुरी में रहती है, 10 साल से उनका परिवार दो कमरे के मकान में गुजारा कर रहा है। उन्होने न्यूज चैनल से अपनी सफलता की कहानी बताई।
मुश्किल भरा रहा सफर
दिव्या काकरान का कहना है कि उनका सफर बेहद मुश्किल भरा रहा, वो इस हालात में थी, कि कभी सोच भी नहीं सकती थी, कि यहां तक कभी पहुंच पाएंगी,
दिल्ली सरकार ने नहीं की मदद
महिला रेसलर ने बताया कि दिल्ली सरकार ने कभी कोई मदद नहीं की, वो सीएम केजरीवाल से मिलने गई थी, जिसके बाद उनसे वादा किया गया था,
केजरीवाल ने बधाई तक नहीं दिया
दिव्या काकरान ने बताया कि दिल्ली के सीएम ने उन्हें अभी तक बधाई तक नहीं दी है, उनसे अब कोई उम्मीद नहीं है, अगर यही हाल दिल्ली का रहा,
पिता लंगोट बेचने का काम करते हैं
दिव्या ने कहा कि खुशी है कि मैं यहां तक पहुंच पाई हूं, पहले हमारा परिवार एक कमरे में रहता था, फिर दो कमरे हुए और तीन कमरे करने की तैयारी है,
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