New Delhi, Mar 06: ये घटना आपको यकीन दिला देगी कि मां की ममता में कितनी ताकत होती है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में ऐसी एक घटना हुई है जिस ने अस्पतालों की लापरवाही तो उजागर की ही है साथ में ये भी बताया कि किस तरह से डॉक्टर जल्दबाजी में रहते हैं। हिमांशु नाम का एक युवक सड़क हादसे में घायल हो गया था, जिसके बाद परिवार वाले उसे नागपुर के एक अस्पताल में ले गए, जहां उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां पर उसे मृत घोषित कर के मुर्दाघर में रखवा दिया। लेकिन वो जिंदा निकल आया
स्कॉर्पियो पलटने से घायल हुआ था
30 साल का हिमांशु रविवार को हिंगलाज के पास स्कार्पियो गाड़ी पलटने से घायल हो गया था। उसके सिर
कैसे हुआ ब्रेन डेड
हादसे के बाद हिमांशु के परिजन उसे नागपुर न्यूरॉन अस्पताल ले गए, जहां उपचार के बाद डॉक्टरों
जिला अस्पताल ले कर गए
नागपुर के बाद उसे जिला अस्पताल ले गए, अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर दिनेश ठाकुर ने चेकअप
क्या होता है ब्रेन डेड
अब आपको बताते हैं कि ब्रेन डेड क्या होता है। ब्रेन डेड की स्थिति में दिल और पल्स काम करना बंद
पोस्टमॉर्टम से पहले हुआ जिंदा
हिमांशु को ब्रेन डेड घोषित करके मुर्दाघर में रखवा दिया गया था, उसके पोस्टमॉर्टम की तैयारी पूरी
अस्पतालों पर सवाल
हिमांशु सड़क हादसे में घायल हुआ था, उसे पहले नागपुर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां से
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