New Delhi, Mar 17 : असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि असम प्रदेश की आबादी में 35 फीसदी मुसलमान हैं, उन्हें अब इस पूर्वोत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक नहीं माना जा सकता, उन्होने 1990 में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन का भी जिक्र किया, उन्होने कहा कि अन्य समुदायों के डर को दूर करना प्रदेश में मुसलमानों का कर्तव्य है।
सीएम ने क्या कहा
असम विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर एक बहस के दौरान बोलते हुए सरमा ने कहा कि आज मुस्लिम समुदाय के लोग विपक्ष में नेता है, विधायक हैं,
सत्ता जिम्मेदारी के साथ आती है
सीएम ने आगे कहा कि सत्ता जिम्मेदारी के साथ आती है, चूंकि मुस्लिम असम की आबादी का 35 फीसदी है, इसलिये यहां अल्पसंख्यकों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। असम के लोग डर में हैं,
मुस्लिम बहुसंख्यक
असम के सीएम ने मंगलवार को विधानसभा में दावा किया कि राज्य में मुस्लिम समुदाय के लोगों की आबादी सबसे ज्यादा हो गई है, उन्हें एक बहुसंख्यक समुदाय के तौर पर बर्ताव करना शुरु कर देना चाहिये। सरमा ने सांप्रदायिक सौहार्द्र सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी मुस्लिम समुदाय, विशेष रुप से बंगाली भाषा मूल के लोगों पर डालते हुए कहा कि असम के मूल निवासी मुसलमानों को भी अपनी पहचान खोने का डर सता रहा है,
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