New Delhi, Dec 05 : यूपी के फर्रुखाबाद जिले के एक युवक सत्यम मिश्रा ने आवास विकास कॉलोनी में ठेला पर एमबीए फेल कचौड़ी वाला चर्चा का केन्द्र बना हुआ है, बीएससी पास सत्यम ने आर्थिक स्थिति ठीक ना होना तथा पारिवारिक बोझ के तले पीएम मोदी से प्रेरित होकर ये काम किया है, फिलहाल एमबीए फेल कचौड़ी वाले की दुकान पर अब ग्राहकों की भीड़ लगने वाली है, एमबीए फेल कचौड़ी वाला नाम क्यों, इसके जवाब में युवक से जुड़ी जो कहानी सामने आई है, वो ना सिर्फ दिलचस्प है, बल्कि बहुतों को प्रेरणा और हौसला देने वाली है।
एमबीए करने की सोची
दरअसल संजय ने बीएससी पास करके एमबीए करने का सोचा और पढाई शुरु कर दी, लेकिन अपने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति की वजह से पढाई पर ना सिर्फ ध्यान दे सका और फेल हो गया, 4 साल गुजर गये,
परिवार की जिम्मेदारी
जहां तक तरफ उस पर पढाई का बोझ है, तो वहीं दूसरी तरह परिवार का गुजारा करने की भी जिम्मेदारी रही है, अब वो उस जिम्मेदारी को कचौड़ी बेचकर पूरा कर रहा है,
4 बहनें
उन्होने बताया कि उनकी 4 बहनें हैं, जिनमें 3 की शादी हो चुकी है, एक भाई है, मेरे माता-पिता भी हैं, उसने बताया कि रोजगार बढने और समय मिलने पर वो पुनः एमबीए करेगा,
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