New Delhi, Sep 12 : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बयान पर सियासत शुरु हो गई है, उन्होने अपने नोट में कांग्रेस और बीजेपी दोनों की पोल खोल दी है, अब दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रही है, आपको बता दें कि पूर्व गवर्नर ने संसदीय समिति को सौंपे एक रिपोर्ट में कहा था कि 2006 से 2008 के बीच सबसे खराब लोन बांटे गये। अपने जबाव में राजन ने ये भी कहा है कि उन्होने देश में हाई प्रोफाइल घोटालेबाजों की एक सूची बना पीएमओ को भेजा था, लेकिन उस पर कार्रवाई क्या हुई, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इस वजह से डूबे कर्ज (एनपीए)
अपनी रिपोर्ट में रघुराम राजन ने कहा कि बैंक अधिकारियों के अति उत्साह, पॉलिसी पैरालाइसिस (सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुस्ती) तथा आर्थिक दर में नरमी डूबे कर्ज के बढने की प्रमुख वजह है, पूर्व गवर्नर ने अपने नोट में ये भी कहा
फ्रॉड मॉनिटरिंग विभाग
रघुराम राजन ने आगे कहा है कि जब वो गवर्नर थे, तो आरबीआई ने फ्रॉड मॉनिटरिंग का एक विभाग बनाया था, ताकि लोन लेने वाले लोगों पर नजर रखी जा सके,
गिरफ्तारी नहीं होने से बढते गये मामले
पूर्व गवर्नर ने अपनी बात कहते हुए लिखा कि दुर्भाग्य से किसी भी बड़े घोटालेबाज की गिरफ्तारी नहीं हो सकी, जिसकी वजह से ऐसे मामलों पर लगाम नहीं लग सका।
कांग्रेस ने साधा निशाना
रघुराम राजन की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने पूछा है कि पीएम बताएं,
कांग्रेस के समय बांटे गये बैड लोन
आपको बता दें कि पूर्व गवर्नर ने ये भी कहा है कि बड़ी संख्या में बैंकों का डूबा कर्ज या एनपीए साल 2006 ले 2008 के दौरान बढा,
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