New Delhi, Aug 13 : प्रारम्भिक सर्वे में रोहिणी आयोग ने पाया है कि केंद्रीय सेवाओं में ओ.बी.सी. आरक्षण का अधिकांश लाभ अब तक सिर्फ चार जातियों को ही मिलता रहा है। 1993 में लागू 27 प्रतिशत आरक्षण में से 20 प्रतिशत आरक्षण उन चार जातियों में ही सिमट गया है। डा. लोहिया ने सबसे पहले कहा था कि पिछड़ों को साठ प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। पर वे हर जाति की महिलाओं को पिछड़ों में शामिल करते थे। उन्होंने भी माना था कि आरक्षण का लाभ पहले मजबूत पिछड़ों की ही मिलेगा।
पर उनकी इस उक्ति में यह भी छिपा था कि कमजोर पिछड़ों को बाद में ही मिल पाएगा।
आयोग यह जांच कर रहा है कि विभिन्न सरकारी महकमों, पी.एस.यू. और विश्व द्यिालयों में पिछड़ों में किन जातियों को कितनी नौकरियां मिली हैं।
उसके बाद संभव है कि मजबूत पिछड़ों के समर्थक नेता गरम होंगे। 2019 के लोक सभा चुनाव से ठीक पहले उससे पिछड़ा समाज भी गरमाएगा। संभव है कि उससे राजग का ‘अति पिछड़ा वोट बैंक’ तैयार हो जाए जिस तरह मोदी विरोधी दलों के पास अल्पसंख्यकों का एक मजबूत वोट बैंक उपलब्ध है।
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