New Delhi, Jan 23 : गोवा के पूर्व सीएम तथा पूर्व केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने कहा कि बीजेपी छोड़ना उनके लिये सबसे मुश्किल फैसला था, यदि भगवा दल पणजी से किसी अच्छे उम्मीदवार को खड़ा करता है, तो वो चुनाव नहीं लड़ेंगे, उत्पल ने शुक्रवार को बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया था, साथ ही कहा था कि वो प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव पणजी से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लड़ेंगे।
फैसला आसान नहीं
बीजेपी ने उत्पल को टिकट ना देकर मौजूदा विधायक अतानासियो मॉन्सरेट को पणजी से चुनावी मैदान में उतारा है, इस सीट का लंबे समय तक मनोहर पर्रिकर ने प्रतिनिधित्व किया है,
पार्टी के सामने शर्त
उत्पल ने कहा कि ये सबसे मुश्किल फैसला था, इस दौरान मैं यही उम्मीद करता रहा, कि मुझे ये फैसला ना लेना पड़े, मैं इस बात से नाखुश हूं,
पिता के विरोधी पार्टी में ऊंचे पदों पर
उत्पल ने ज्यादा विस्तार से बात किये बिना दावा किया, कि उन्हें टिकट नहीं दिया जाना, 1994 की उस स्थिति के समान है, जब मेरे पिता को पार्टी से निकालने की कोशिश की गई थी, उन्होने कहा, उस समय मनोहर पार्रिकर को बाहर इसलिये निकाला नहीं जा सका था, क्योंकि उनके पास लोगों का समर्थन था, उनहोने कहा कि मेरे पिता के विरोधी आज भी पार्टी में ऊंचे पदों पर बैठे हैं, उत्पल ने 2019 पणजी उपचुनाव का जिक्र किया, उन्होने कहा पिता के निधन के बाद मुझे टिकट नहीं दिया गया, जबकि लोग मेरे साथ थे, जब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी गोवा आये थे, तो 5 दंपत्तियों ने पार्टी से टिकट मांगे, उत्पल ने कहा कि उनके पिता राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ थे, बीजेपी ने मॉन्सरेट की पत्नी जेनिफर, स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे तथा उनकी पत्नी दिव्या राणे को भी टिकट दिया है, मैंने मनोहर पर्रिकर के बेटे के रुप में टिकट नहीं मांगा था।
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