New Delhi, Apr 01 : बीते 4 दशक से सैकड़ों असहाय गायों और बछड़ों की सेवा करने वाली जर्मन मूल की महिला सुदेवी दासी को अपना गौ प्रेम छोड़ने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल इसके पीछे वजह है वीजा की अवधि का समाप्त होना। वीजा एक्सटेंशन को लेकर सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट-काट कर थक चुकीं सुदेवी ने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी से मदद की गुहार लगाई हैं।
हेमा मालिनी ने दिया आश्वासन
सुदेवी दासी ने वीजा एक्सटेंशन के लिये मथुरा से लोकसभा सांसद हेमा मालिनी से गुहार लगाई है। बॉलीवुड की पूर्व एक्ट्रेस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि
सांसद ने की सराहना
हेमा मालिनी ने जर्मन मूल की महिला की तारीफ करते हुए कहा कि सभी भारतीयों को भी उनसे सीख लेनी चाहिये।
घूमने आई थी भारत, करने लगीं गौ-सेवा
जर्मन मूल की महिला सुदेवी का जन्म 2 मार्च 1958 में जर्मनी में हुआ था। उनका असली नाम फ्रेडरिक इरिन ब्रूनिग है, साल 1972 में वो जर्मनी से भारत घूमने के लिये आई थी।
गौ सेवा का संकल्प
सुदेवी दासी ने उसी दिन से गौ सेवा का संकल्प ले लिया। उन्होने इसके लिये बकायदा 5 बीघा जमीन किराये पर ले रखा है।
आज इनके गौशाला में इतनी हैं बैल और बछड़े
वर्तमान में सुदेवी दासी की गौशाला में करीब 13 सौ से ज्यादा बैल, बछड़े और वृद्ध गायें हैं। ये किसी ना किसी बीमारी या फिर घटना में जख्मी हुई हैं,
विदेशी महिला ने किया समर्पित
गायों की सेवा के लिये इस विदेशी महिला ने खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया है। उनके गौशाला का नाम राधा सुरभि गौशाला है।
वीजा बढाने की अपील
आपको बता दें कि सुदेवी दासी का इसी साल वीजा अवधि खत्म होने वाली है, वो कई अधिकारियों और ऑफिसों के चक्कर काट चुकी हैं, लेकिन अभी तक उनका वीजा नहीं बढाया गया है।
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