एक हजार बछड़ों की मां कहलाती है ये महिला, लेकिन अब इस वजह से छोड़ना पड़ेगा भारत

Mathura

बॉलीवुड की पूर्व एक्ट्रेस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वो उनकी वीजा एक्सटेंशन के लिये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात करेंगी।

New Delhi, Apr 01 : बीते 4 दशक से सैकड़ों असहाय गायों और बछड़ों की सेवा करने वाली जर्मन मूल की महिला सुदेवी दासी को अपना गौ प्रेम छोड़ने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल इसके पीछे वजह है वीजा की अवधि का समाप्त होना। वीजा एक्सटेंशन को लेकर सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट-काट कर थक चुकीं सुदेवी ने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी से मदद की गुहार लगाई हैं।

हेमा मालिनी ने दिया आश्वासन
सुदेवी दासी ने वीजा एक्सटेंशन के लिये मथुरा से लोकसभा सांसद हेमा मालिनी से गुहार लगाई है। बॉलीवुड की पूर्व एक्ट्रेस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि Hema Maliniवो उनकी वीजा एक्सटेंशन के लिये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात करेंगी। फिलहाल वो उनके आश्वासन के बाद थोड़ी आश्वस्त दिख रही हैं, कि उनके वीजा की अवधि बढा दिया जाएगा।

सांसद ने की सराहना
हेमा मालिनी ने जर्मन मूल की महिला की तारीफ करते हुए कहा कि सभी भारतीयों को भी उनसे सीख लेनी चाहिये। mATHURA1वो जिस तरह से असहाय और बीमार गायों और बछड़ों की सेवा करती हैं। लोगों से उनसे सीख लेनी चाहिये, वो बिना किसी स्वार्थ के गाय और बछड़ों की सेवा करने में लगी रहती हैं।

घूमने आई थी भारत, करने लगीं गौ-सेवा
जर्मन मूल की महिला सुदेवी का जन्म 2 मार्च 1958 में जर्मनी में हुआ था। उनका असली नाम फ्रेडरिक इरिन ब्रूनिग है, साल 1972 में वो जर्मनी से भारत घूमने के लिये आई थी। mATHURA2भारत-भ्रमण के दौरान ही वो ब्रज भूमि पहुंचती, वहां पर उन्होने सड़क किनारे एक बीमार गाय को तड़पते देखा, उनसे गाय की ये तकलीफ देखी नहीं गई, जिसके बाद उन्होने गौसेवा का संकल्प ले लिया।

गौ सेवा का संकल्प
सुदेवी दासी ने उसी दिन से गौ सेवा का संकल्प ले लिया। उन्होने इसके लिये बकायदा 5 बीघा जमीन किराये पर ले रखा है। cowवो ब्रज में सड़क किनारे पड़ी रहने वाली असहाय और बीमार गायों को अपने यहां ले आती है, फिर उनकी सेवा करती हैं। उनके इस संकल्प से कुछ लोग हैरान हैं, तो कुछ तारीफ भी करते हैं।

आज इनके गौशाला में इतनी हैं बैल और बछड़े
वर्तमान में सुदेवी दासी की गौशाला में करीब 13 सौ से ज्यादा बैल, बछड़े और वृद्ध गायें हैं। ये किसी ना किसी बीमारी या फिर घटना में जख्मी हुई हैं, Cow Hindu (6)जिसमें से कुछ गाय को दिखाई नहीं देती, तो किसी से चला नहीं जाता। सुदेवी ऐसी ही गायों, बैल और बछड़ों को उठा लाती हैं और निस्वार्थ भाव से उनकी सेवा करती हैं।

विदेशी महिला ने किया समर्पित
गायों की सेवा के लिये इस विदेशी महिला ने खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया है। उनके गौशाला का नाम राधा सुरभि गौशाला है। mATHURA3जिसमें करीब 60 लोग काम करते हैं। उनके गौ प्रेम को देखकर कुछ लोग उन्हें बछड़ों की मां के नाम से पुकारने लगे हैं। स्थानीय लोग भी उनका गायों के प्रति प्रेम देखकर हैरान हैं।

वीजा बढाने की अपील
आपको बता दें कि सुदेवी दासी का इसी साल वीजा अवधि खत्म होने वाली है, वो कई अधिकारियों और ऑफिसों के चक्कर काट चुकी हैं, लेकिन अभी तक उनका वीजा नहीं बढाया गया है। mATHURA4मथुरा की सांसद हेमा मालिनी से सुदीप के अलावा स्थानीय लोगों ने भी अपील की है कि उनकी वीजा अवधि बढा दिया जाए, ताकि वो ऐसे ही बूढी और असहाय गायों और बैलों की सेवा करती रहें।