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ससुराल में हर महिला को मिलते हैं ये 5 अधिकार, पति भी नहीं कर सकता जबरदस्ती

हम आपको इन अधिकारों के बारे में बताते हैं, जो भारत में रहने वाली हर महिला को ससुराल में मिलते हैं।

New Delhi, Mar 19 : शादी होने के बाद हर लड़की (महिला) को ससुराल में कुछ अधिकार मिलते हैं, उन्हें उनके पति भी नहीं छीन सकते। क्या आपको पता है कि महिलाओं को शादी के बाद क्या-क्या अधिकार मिलते हैं। लीगल एक्सपर्ट्स के अनुसार देश के अलग-अलग राज्यों में महिलाओं के लिये अलग-अलग कानून है, यदि ये अधिकार किसी महिला को नहीं मिल रहे हैं, तो महिला पुलिस में जाकर शिकायत कर सकती है।

कर सकती हैं शिकायत
यदि कोई महिला थाने नहीं जाना चाहती तो वो ई-मेल के जरिये भी अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचा सकती है। अगर शिकायत के बाद पुलिस मामले में एक्शन नहीं लेती है, तो फिर आप कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। महिलाओं को कुछ अधिकार संविधान और कानून के अंतर्गत दिये गये हैं। आइये हम आपको इन अधिकारों के बारे में बताते हैं, जो भारत में रहने वाली हर महिला को ससुराल में मिलते हैं।

स्त्रीधन का अधिकार
शादी के पहले या बाद में जो पैसे या गिफ्ट्स मिलते हैं, वो स्त्रीधन कहलाते हैं, उन पैसों और तोहफे पर महिला का अधिकार होता है। उन पर उनके पति भी हक नहीं जता सकते, अगर कोई ससुराल पक्ष के लोग उन तोहफों और गिफ्ट्स पर हक जताने की कोशिश करते हैं। तो महिला पुलिस की मदद ले सकती है।

रहने का अधिकार
शादी के बाद महिला को अपने पति के साथ उनके घर में रहने का अधिकार है, फिर घर पूर्वजों का हो, या फिर ज्वाइंट फैमिली हो, अगर महिला उस घर में अपने पति के साथ रहना चाहती है, तो ससुराल पक्ष के लोग उसे घर से बाहर नहीं निकाल सकते, अगर ऐसा करते हैं, तो फिर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।

कमिटेड रिलेशनशिप का अधिकार
बिना तलाक के कोई हिंदू पति अपनी पत्नी के अलावा दूसरी किसी महिला के साथ संबंध नहीं बना सकता, अगर पति ऐसा करता है, और पत्नी को आपत्ति है, तो पत्नी मामले को पुलिस या कोर्ट में ले जा सकती है। महिला को कमिटेड रिलेशनशिप का अधिकार है।

स्वाभिमान के साथ रहने का अधिकार
महिला को अपने ससुराल में पूरे स्वाभिमान के साथ रहने का अधिकार है, कोई मेंटल या फिर फिजिकल टॉर्चर नहीं कर सकता। अगर ससुराल पक्ष के लोग या फिर पति ऐसा करने की कोशिश करते हैं। तो महिला पुलिस में उन लोगों के खिलाफ शिकायत कर सकती है।

फाइनेंशियल सपोर्ट का अधिकार
यदि पत्नी कैपेबल नहीं है, तो पति को आर्थिक रुप से सपोर्ट करना होगा। जरुरी सुविधा के साथ जीना महिला का अधिकार है। यानी कि अगर पत्नी चाहती है कि पति हर महीने उसे कुछ पैसे दे, ताकि वो आराम से रह सके, तो पति को देना पड़ेगा। नहीं तो महिला के पास कोर्ट का विकल्प खुला है।

IBNNews Network

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