New Delhi, Mar 15 : राहु-केतु, ना तो ये ग्रह हैं और ना ही इनका अपना कोई अस्तित्व होता है, लेकिन कई बार ये अपना प्रभाव इतना बढ़ लेते हैं कि मनुष्य के लिए मुश्किलें ही मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं । शनि देव को क्रोध तब आता है जब कोई पाप कर्म करता है, लेकिन इन दो ग्रहों का तो स्वभाव ही पाप कर्म है । इसलिए ये किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं । शास्त्रों में इन दो ग्रहों को पापी ग्रह, छाया ग्रह कहा गया है । जिसकी छाया मात्र से व्यक्ति की मति भ्रष्ट हो जाती है ।
राहु-केतु के प्रभाव
कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हे पहले से भांपकर, समझकर आप जान सकते हैं कि राहु-केतु की दशा ठीक
शनि के ही अनुचर राहु-केतु
ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों को शनि का ही अनुचर माना गया है । कुंडली में राहु-केतु का प्रभाव
कुंडली में गड़बड़ के लक्षण
वहीं कुंडली में केतु की बुरी दशा हो तो पीडि़त को गले से नीचे के हिस्सों में परेशानी महसूस होती है
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