New Delhi, Nov 08 : बीजेपी के भीष्म पितामह लाल कृष्ण आडवाणी आज 91वां जन्मदिन मना रहे हैं, पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुद उनके घर जाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी, इसके साथ ही बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी उन्हें जन्मदिन पर बधाई दी। आडवाणी का भारतीय राजनीति में क्या योगदान है, शायद बताने की जरुरत नहीं है, वो कई बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं, जब भी बीजेपी के इतिहास की चर्चा होगी, तो आडवाणी जी के बिना वो चर्चा अधूरी रहेगी, आइये उनके जन्मदिन के मौके पर उनसे जुड़ी कुछ बातें आपको बताते हैं।
कौन हैं लाल कृष्ण आडवाणी ?
देश के सातवें डिप्टी प्राइम मिनिस्टर आडवाणी जी वाजपेयी सरकार में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, उनका जन्म अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में 8 नवंबर 1927 को कृष्णचंद डी आडवाणी और ज्ञानी देवी के घर हुआ था,
2 से 182 का सफर
हिंदुत्व के मसले पर बीजेपी को 2 सीटों से 182 सीटों तक पहुंचाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी का महत्वपूर्ण रोल था, साल 1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद 1986 तक आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे, फिर 1986 से 1991 तक उन्होने राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली,
वाजपेयी को किया पीएम उम्मीदवार घोषित
राम मंदिर आंदोलन के दौरान आडवाणी की लोकप्रियता चरम पर थी, साथ ही संघ भी उनके पीछे पूरी तटस्थता से खड़ा था, लेकिन इसके बावजूद उन्होने साल 1995 में अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया,
चुनाव ना लड़कर विरोधी खेमे में मचा दी खलबली
दशकों तक राजनीतिक जीवन जीने के बावजूद आडवाणी पर कभी कोई दाग नहीं लगा, साल 1996 चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की नरसिंह राव की सरकार ने विपक्ष के कुछ नेताओं को हवाला कांड में फंसाने की कोशिश की थी, लेकिन उनका ये दांव उल्टा पड़ गया,
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