New Delhi, Aug 14 : स्वतंत्रता दिवस से पहले केन्द्र सरकार ने देशवासियों से प्लास्टिक के तिरंगे ना इस्तेमाल करने की अपील की है। होम मिनिस्ट्री ने इसके लिये बकायदा एडवाइजरी जारी कर सभी प्रदेश और केन्द्र शासित प्रदेशों से ये सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि हर जगह राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का पालन हो। प्लास्टिक से बने झंडे अन्य कार्यक्रमों के बाद जगह-जगह बिखरे रहते हैं, साथ ही पेपरों की तुलना में उनका निस्तारण भी कठिन होता है, जिसकी वजह से जगह-जगह बेतरतीब इधर-उधर पड़े रहने से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होता है, इसी वजह से सरकार ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि प्लास्टिक से बने तिरंगे को बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें।
आयताकार हो तिरंगा
राष्ट्रीय ध्वज आयताकार हो, इसकी लंबाई और चौड़ाई बराबर नहीं होनी चाहिए। इसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग होना चाहिये,
तिरंगे के साथ क्या नहीं करना चाहिये
झंडा हाथ से ऊन, कॉटन, सिल्क या खादी के कपड़े का हो, ये हमेशा आयताकार होना चाहिये, इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3-2 का होना चाहिये,
आधा झंडा ना फहराएं
किसी भी इमारत पर कभी भी झंडे को आधा नहीं फहराना चाहिये, हालांकि कुछ सरकारी इमारतों और ऑफिसों पर कुछ खास मौके पर इसकी छूट दी जाती है।
गंदा झंडा ना फहराएं
अगर तिरंगा झंडा गंदा, पुराना, फटा, या लिथड़ा हो, तो उसे फहराने के काम में इस्तेमाल नहीं करना चाहिये, इसके साथ ही अगर तिरंगे का निस्तारण करना चाहते हैं, तो फिर बिल्कुल एकांत में या फिर निजी तरीके से इसे करें।
उल्लंघन करने पर सजा और जुर्माना
प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के अनुसार अगर कोई शख्स तिरंगे झंडे का अपमान करता है, या सार्वजनिक स्थल पर झंडे को जलाकर, फाड़कर या किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाता है, या पहुंचाने की कोशिश करता है,
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