New Delhi, Oct 24 : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी कहे जाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ी घोषणा की है, एक तरह से कह सकते हैं कि उन्होने भीष्म प्रतिज्ञा लेते हुए ऐलान किया है, कि अगले 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ेंगे। आपको बता दें कि पीके सितंबर में जदयू के सदस्य बने थे, इस महीने नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित किया है, ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थी, कि पीके लोकसभा या राज्यसभा का रुख कर सकते हैं, लेकिन उन्होने साफ कहा है कि वो राजनीति में बड़े पद की इच्छा लेकर नहीं आये हैं, उनका मकसद कुछ और है।
जनता की सेवा के मकसद से आया
प्रशांत किशोर ने साफतौर से कहा कि मैं राज्यसभा नहीं जा रहा हूं, ना ही लोकसभा चुनाव लड़ूंगा, जनता की सेवा के इरादे से जदयू में आया हूं,
जदयू के युवा नेताओं को दिया जीत का मंत्र
पीके ने अगले 10 साल लोकसभा और राज्यसभा चुनाव ना लड़ने की बात कहते हुए जदयू के युवा नेताओं को संबोधित किया, उन्होने सीएम आवास पर आयोजित जदयू के युवा नेताओं के साथ बैठक में चुनावी प्रबंधन के बारे में भी बात की।
चुनाव ना लड़ने की बात कह बड़ी लकीर खींच गये
पीके पिछले काफी समय से नीतीश कुमार के करीबी बने हुए हैं, कहा जाता है कि नीतीश पीके में अपना उत्तराधिकारी देख रहे हैं, यही वजह है
पद का लालच नहीं
राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीके अपने इस फैसले से संदेश देना चाहते हैं, कि उन्हें पद का लालच नहीं है, पीके माइक्रो पोल मैनेजमेंट के लिये जाने जाते हैं,
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