New Delhi, Jul 15 : साल 2014 के बाद देश की राजनीति में हेट स्पीच एक स्थायी अंतरे की तरह जगह पा चुका है. हेट स्पीच का मतलब है अपने पक्ष के वोटरों की गोलबंदी और चुनाव में जीत की पक्की संभावना. इसलिए चुनाव का डंका बजते ही पार्टियां हेट स्पीच के तीरंदाजों को निकाल बाहर करती हैं और वे शुरू हो जाते हैं. मगर क्या आपने कभी सोचा है कि देश में कौन सी पार्टी हेट स्पीच में नंबर वन है और किस राज्य में हेट स्पीच बयान सबसे अधिक दिये जाते हैं?
यह आज की राजनीति को समझने के लिए एक जरूरी सवाल है औऱ दिलचस्प है कि पीयूसीएल ने इसका बिंदुवार विश्लेषण भी किया है. उसने 2014 से लेकर आज तक के सभी हेट स्पीच वाले बयानों को जुटाया है और उन्हें पार्टी वाइज औऱ स्टेट वाइज आंकड़ों में बांटा है. इसके नतीजे दिलचस्प हैं.
पीयूसीएल के शोध के मुताबिक 2014 से आज तक पिछले चार सालों में हेट स्पीच के 132 मामले सामने आये हैं. ये मामले विभिन्न अखबारों के छांट कर जुटाये गये हैं. इन 132 मामलों में से 46 हेट स्पीच वाले बयान भाजपा के नेताओं ने दिये हैं. इस तरह यह शोध बताता है कि हेट स्पीच के मामले में भाजपा देश में नंबर वन है. और नंबर टू कौन है यह जानकर आप हैरत से भर उठेंगे. नंबर टू न कांग्रेस है, न सपा-बसपा या तृणमूल जैसी बड़ी पार्टी. नंबर टू बिहार की पार्टी राजद है, जिसने कुल 14 हेट स्पीच वाले बयान दिये हैं. यानी नंबर टू होने के बावजूद राजद नंबर वन भाजपा की महज एक तिहाई है. राजद के पास हेट स्पीच देने वाले सिर्फ 3 नेता हैं.
इस लिहाज से भाजपा के पास हेट स्पीच वाले बयान जारी करने वाले नेताओं की बड़ी फौज है. 27 लोगों के नाम हेट स्पीच वाले मामलों में सामने आये हैं. जबकि भाजपा के सामने खड़ी कांग्रेस के पास सिर्फ 11 नेता हैं जिन्होंने कुल 13 हेट स्पीच दिये हैं.
आखिर बिहार क्यों हेट स्पीच में नंबर वन साबित हुआ है? वजह यह है कि बिहार में भाजपा के हर हेट स्पीच का राजद ने हेट स्पीच से जवाब दिया. राजद के नाम ही 14 हेट स्पीच दर्ज हैं. अगर लोकसभा चुनाव को भी जोड़ दिया जाये तो बिहार में कुल 38 हेट स्पीच के मामले सामने आये. 30 बिहार विधान सभा चुनाव में और 8 लोकसभा चुनाव में. दिलचस्प है कि इन स्थितियों में भी बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू का दामन काफी पाक साफ है. 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में जदयू के नाम एक भी हेट स्पीच दर्ज नहीं है. 2014 के लोस चुनाव में जदयू के खिलाफ चार हेट स्पीच के मामले हैं. इनमें से एक शिवानंद तिवारी, एक जीतन राम मांझी, एक नीतीश कुमार और एक गुलाम रसूल बलियावी के नाम है. इनमें से शिवानंद तिवारी और जीतनराम मांझी आज राजद के साथ हैं.
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