वायरल

अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत क्यों खरीद रहा है एस-400, जानिये, ये हमारे लिये क्यों है अहम ?

एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया में सबसे एडवांस माना जाता है, भारत को इसे हासिल करने के लिये 5 अरब डॉलर यानी करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

New Delhi, Oct 05 : पीएम मोदी और रुसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन की शुक्रवार को मीटिंग के दौरान एस-400 डील पर मुहर लग गई। इस डील पर अमेरिका समेत कई देशों की नजरें टिकी थी। आपको बता दें कि एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया में सबसे एडवांस माना जाता है, भारत को इसे हासिल करने के लिये 5 अरब डॉलर यानी करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। भारत इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की 5 रेजिमेंट्स की खरीद कर रहा है। इसे देश की सबसे बड़ी डिफेंस डील्स में से अक माना जा रहा है।

क्या है एस-400 ?
ये एक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मनों के एयरक्रॉफ्ट को आसमान से गिरा सकता है, इसे रुस का सबसे एडवांस लांग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है, ये दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को धाराशायी करने में सक्षम है, एस-400 रुस के ही एस-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। इस मिसाइल को अल्मांज-आंते ने तैयार किया है, ये एक राउंड में 32 वार करने में सक्षम है।

भारत को क्यों है जरुरत ?
भारतीय वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ के मुताबिक एस-400 हमारे लिये एक बूस्टर-शॉट जैसा होगा, भारत को पड़ोसी देशों के खतरे से निपटने के लिये इसकी जरुरत है। पाक के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस 20 फाइटर स्क्वैड्रन्स हैं, इसके अलावा चीन भी हथियारों के मामले में काफी आगे हैं, उनके पास जे-17 भी बड़ी संख्या में है। साथ ही उनके पास 1700 फाइटर है, जिनमें 800 जेनरेशन-4 फाइटर हैं।

पर्याप्त ताकत जुटाने की कोशिश
वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों की कमी की वजह से दुश्मनों से निपटने की उनाकी क्षमता प्रभावित हुई है, इसी सप्ताह बी एस धनोआ ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि कोई भी देश भारत की तरह इन दिनों खतरे का सामना नहीं कर रहा है। हमारे दुश्मनों की नीयत कभी भी बदल सकती है, इसलिये हमें जरुरत है कि हम अपने प्रतिद्वंदियों से निपटने के लिये पर्याप्त ताकत जुटा लें।

मोदी का संदेश देने की कोशिश
बीते कुछ सालों से अमेरिका दुनिया के तमाम देशों को रुस और ईरान के साथ समझौता करने पर प्रतिबंधित करने और दूसरे तरह की धमकियां देता रहा है। दरअसल रुस और अमेरिका की अपनी प्रतिद्वंदिता है, इसी वजह से वो रुस को पछाड़ने के लिये ऐसा करता रहता है। यदि भारत इस समझौते पर आगे बढता है, तो वो इससे अमेरिका को भी अहम संदेश देने की कोशिश करेगा, कि वो रुस और अमेरिका पर निर्भर नहीं है, बल्कि रणनीतिक रुप से स्वायत्त है।

IBNNews Network

Recent Posts

निवेशकों को मालामाल कर रहा ये शेयर, एक साल में 21 हजार फीसदी से ज्यादा रिटर्न

कैसर कॉरपोरेशन लिमिटेड के शेयर प्राइस पैटर्न के अनुसार अगर किसी निवेशक के इस शेयर…

2 years ago

500 एनकाउंटर, 192 करोड़ की संपत्ति जब्त, योगी कार्यकाल के 100 दिन के आंकड़ें चौंकाने वाले

दूसरे कार्यकाल में यूपी पुलिस ने माफिया को चिन्हित करने की संख्या भी बढा दी,…

2 years ago

गोवा में पति संग छुट्टियां मना रही IAS टॉपर टीना डाबी, एक-एक तस्वीर पर प्यार लूटा रहे लोग

प्रदीप गवांडे राजस्थान पुरातत्व विभाग में डायरेक्टर हैं, वहीं टीना डाबी राजस्थान सरकार में संयुक्त…

2 years ago

5 जुलाई, मंगलवार का राशिफल: धैर्य से काम लें मकर राशि के जातक, बनता काम बिगड़ जाएगा

आय के नए रास्‍ते खुल रहे हैं, अवसर का लाभ उठाएं ।मित्रों और सगे- सम्बंधियों…

2 years ago

बोल्ड ड्रेस में लेट गई आश्रम की बबीता, खूब पसंद की जा रही तस्वीरें

इस तस्वीर में त्रिधा चौधरी ब्रालेस तो है, ही साथ ही बोल्ड कपड़े पहने नजर…

2 years ago

मलाइका से भी दो कदम आगे निकली अर्जुन कपूर की बहन, कैमरे के सामने उतार दिया ‘जरुरी कपड़ा’

अंशुला के इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि वो अपनी वन पीस ड्रेस…

2 years ago