कोलकाता में बीजेपी-टीएमसी की तनातनी जारी है । इस बीच बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर जमकर हल्ला बोला है । राज्य की स्थिति आपातकाल जैसी बताई ।
New Delhi, Apr 02: पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा मामले में मचे खूनी घमासान के बाद निलंबित किए गए बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक बार फिर सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोला है । विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु ने आरोप लगाया कि राज्य में आपातकाल जैसा माहौल हो गया है । खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डरी हुई हैं क्योंकि वह लगातार विरोध का सामना कर रही हैं । विरोध से वह बौखला गई हैं, इसके अलावा सुवेंदु ने विपक्ष की आवाज दबाने का भी आरोप लगाया।
जमकर हुआ था बवाल
गौरतलब है कि बीरभूम के बोगतुई में हिंसा को लेकर 28 मार्च को बंगाल विधानसभा में जमकर हाथापाई हुई थी । बीजेपी और सत्ताधारी टीएमसी के नेताओं में पहले खूब कहासुनी हुई फिर मारपीट हो गई । नारेबाजी, धक्कामुक्की के बीच बीजेपी विधायक असित मजूमदार घायल तक हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । इतना ही नहीं विधायक मनोज तिग्गा ने कपड़े फाड़कर पीटे जाने का आरोप लगाया था । घटना के बाद विधानसभा स्पीकर ने विधानसभा में पारित प्रस्ताव का हवाला देते हुए सुवेंदु अधिकारी समेत बीजेपी के 5 विधायकों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया ।
बीजेपी-टीएमसी आमने-सामने
विधानसभा में हुए हंगामे के बाद हुए निलंबन को लेकर बीजेपी और टीएमसी आमने सामने हैं । बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट करके सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा, अधिकारी ने राज्य के मौजूदा हालात की तुलना इमरजेंसी से करते हुए इसे राजनीति का काला अध्याय तक करार दिया है। बीजेपी नेता का आरोप है कि ममता बनर्जी का पहली बार लगातार इतना विरोध हो रहा है, इसकी वजह से वह बौखला गई हैं । डरी हुई हैं, इसीलिए विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है । आपको बता दें गुरुवार को इस मसले को लेकर बंगाल बीजेपी के नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे और केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग की थी।
जिंदा जलाए गए थे लोग
बीरभूम जिले के बोगतुई में 22 मार्च को कई घरों में आग लगा दी गई थी, जिसमें जलकर दो बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी । आगजनी की ये घटना एक टीएमसी नेता की हत्या के बाद हुई थी, टीएमसी के पंचायत स्तर के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद हुई इस घटना को बदले की कार्रवाई बताया गया । इस मामले को लेकर बंगाल की राजनीति में उबाल आ गया था । मामले में हाईकोर्ट तक को दखल देना पड़ा । इस घटना के बाद मामले की जांच एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंपी गई है।