स्वास्थ्य

अगर आप प्रोफेशनल हैं, तो जरा अपनी बची जिंदगी का मीटर भी जान लीजिए !

प्रोफेशनल लोगों के लिए हम एक खबर लेकर आए हैं। आप काम के बोझ को कैसे लेते हैं ? जरा अपनी जिंदगी से जुड़ी इस खास बात के बारे में भी जानिए।

New Delhi, Oct 11 : प्रोफेशनल वर्क यानी एक ऐसा काम, जिसमें आपको हर दिन एक टारगेट दिया जाता है। वो टारगेट आपको हर हाल में पूरा करना होता है। लेकिन ऐसे काम आपकी जिंदगी के लिए खतरा बन सकते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे काम करने से पहले आपको संभल जाना चाहिए। हमेशा अपने काम और सोशल वर्क के बीच इस तरह से बैलेंस बनाकर चलें कि आपकी निजी जिंदगी इससे परेशान ना हो रही हो। इसलिए हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। दरअसल ये सारी बातें हम आपको इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि जापान में एक महिला पत्रकार की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि ये महिला 159 घंटो तक लगातार काम कर रही थी।

महिला पत्रकार की मौत 2013 में हुई थी। इसके बाद से प्राइवेट नौकरी को लेकर कई सवाल उठे थे। कई डॉक्टरों का कहना है कि काम को लेकर जिस तरह लोग टेंशन लेते हैं, उसे दरअसल टेंशन नहीं अवसाद कहा जाता है। ये कई मानसिक समस्याओं की जड़ बन सकती है। इसलिए अपने प्रोफेशनल काम और निजी जिंदगी के बीच बैलेंस बनाकर चलते रहें। साइकॉलजिस्ट का कहना है कि उनके पास हर महीने 200 से ज्यादा ऐसे मरीज आते हैंस जो स्ट्रेस का शिकार रहते हैं। इस वर्क प्रेशर की वजह से ये लोग आत्महत्या करने की भी चाहत रखते हैं। अब आपको बताते हैं कि किस उम्र के लोगों के साथ ये समस्याएं सबसे ज्यादा देखने को मिल रही हैं।

रिपोर्ट कहती है कि 20 से 30 साल तक की उम्र के लोगों में ऐसी परेशानी देखने को मिल रही है। जॉब सिक्योरिटी एक ऐसा इश्यू है, जो लोगों को अंदर से खोखला कर रहा है। ऐसे हालात में दो मिनट के लिए अपनी जिंदगी के खुशी के पलों को याद करें, जिंदगी के खुशी के पलों को याद कर आपके दिल और मन दोनों को राहत मिलेगी। दूसरी वजह ये है कि ज्यादातर लोग अपने ऑफिस के माहौल की वजह से भी परेशान रहते हैं। ऐसे में वक्त पर टारगेट पूबरा ना करना उनके लिए जी का जंजाल बन जाते हैं। ऐसे में कभी हिचकिचाएं नहीं, एचआर डिपार्टमेंट के पास जाकर अपनी समस्या रखें और खुद को दूसरी जगह शिफ्ट करने के बारे में बात करें, जहां आप अच्छी तरह से काम कर सकते हैं।

ऑफिस का तनाव एक सीमा से ज्यादा बढ़ जाए तो दिमाग और शरीर दोनों को ही नुकसान पहुंचाता है। इस वजह से आपकी परफॉर्मेंस में गिरावट आने लगती है। बेहतर आराम ना मिल पाने की वजह से आपकी याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही आप ऐसे हालात में परिवार के साथ भी ज्यादा वक्त नहीं बिता पाते, ऐसे में आप अवसाद का शिकार हो सकते हैं। स्ट्रेस का कम करने के लिए आप अपने काम को तय वक्त से पहले निपटाने की सोचें। सभी काम के लिए प्राथमिकता तय करें और इसके बाद उन्हें तय वक्त पर पूरा कर दें। इससे आपका तनाव को कम होगा ही साथ ही आपके काम करने की क्षमता में विकास होगा।

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