स्वास्थ्य

आपका मोबाइल आपको बेहद बीमार कर रहा है, आप अंधे हो सकते हैं

मोबाइल हर किसी के लिए बेहद जरूरी तो हो गया है, लेकिन इसके साथ ही ये कई बीमारियों को भी जन्म दे रहा है। ये आपको अंधा कर सकता है। पढ़िए ये रिसर्च

New Delhi, Mar 13: मोबाइल आज के दौर में हर किसी के लिए बेहद जरूरी हो गया है। लोग घंटों तक स्मार्टफोन की स्क्रीन से चिपके रहते हैं, जिस वजह से वो बेहद बीमार हो रहे हैं। स्मार्टफोन, टैब और लैपटॉप पर जरूरत से ज्यादा समय बिताने और आउटडोर गेम्स न खेलने से बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है। हाल ही में डॉक्टरों ने ये चेतावनी सभी को दी है।

आंखों पर पड़ रहा है असर
डॉक्टर्स का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक गैजट्स को लगातार नजदीक से देखने से आंखों पर जोर पड़ता है और आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इन दिनों बच्चे स्मार्टफोन पर अपना 30 से 40 फीसदी वक्त बिता रहे हैं। इससे उनकी आंखों को नजदीक की चीजें देखने की आदत लग रही है। इस वजह से बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है।

डॉक्टर्स ने बताई खास बात
डॉक्टरों ने आशंका जतायी कि घरों में स्मार्टफोन की बढ़ती पैठ से भविष्य में ये समस्या और बड़ी हो सकती है। बचपन में ही बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है या फिर चश्मा लग रहा है, डॉक्टर्स ने इसे बेहद ही हानिकारक बताया है। डॉक्टर्स का कहना है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे चश्मे का नम्बर बढ़ता है। जो कि एक गंभीर संकेत है।

इस बात का ध्यान रखें
डॉक्टर्स का कहना है कि अब से 20 साल पहले जिन बच्चों की दूर की नजर कमजोर थी, अब वे बड़े हो गए हैं और अगर उनके चश्मे का नंबर माइनस 10 या 12 हो गया है तो उनकी आंखों की रोशनी जा सकती है। इसके अलावा अंधेरे में स्मार्टफोन चलाने से ना केवल दूर देखने की क्षमता पर असर पड़ता है, बल्कि पूरी दृष्टि के ही प्रभावित होने का खतरा होता है।

ये भी हैं परेशानी
कई लोगों में एक आंख की रोशनी जाने की परेशानी सामने आ रही है। ऐसे लोग लेटकर इस तरह मोबाइल देखते थे कि उनकी एक आंख बंद हो जाती थी।  डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटा घर से बाहर बिताना चाहिए। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और दूर की नजर खराब होने का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

ये काम ना करें
बच्चों को टीवी, स्मार्टफोन जैसी चीजों पर पर दिन में 1-2 घंटे से ज्यादा वक्त नहीं बिताना चाहिए। जितना ज्यादा वक्त इन पर बिताया जाएगा, चश्मा लगने का खतरा उतना ही बढ़ेगा।रिसर्च में भी साबित हुआ है कि अंधेरे में स्मार्ट फोन इस्तेमाल करना कितना घातक है। अगर सही वक्त पर सावधानियां ना बरती जाएं तो इसका सिर्फ आंखों पर बुरा असर नहीं पड़ता, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों पर भी बुरा असर पड़ने लगता है।

वरना होगी गंभीर बीमारी
रात में सोने से पहले स्मार्टफोन यूज करने से आंखों में मेलाटोनिन हार्मोन घटता है। इस वजह से नीदं देर से आती है।  देर रात तक अगर आप फोन यूज करते हैं तो इससे मेलाटोनिन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है। इस तरह से शरीर में तनाव का लेवल बढ़ता है। यानी इंसाना तनाव से ग्रस्त जिंदगी जीने लगता है। इंसान अवसाद से भी ग्रस्त हो सकता है।

IBNNews Network

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