New Delhi, Aug 17 : लाइफ सपोर्ट सिस्टम, जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है । जिंदगी को सपोर्ट देने वाला एक तंत्र । जब शरीर के कुछ हिस्से कमजोर पड़कर काम करने की रफतार धीमी कर देते हैं तब उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम के जरिए कंट्रोल किया जाता है । इस प्रोसेस को इस सिस्टम के द्वारा चलाया जाता है । इस सिस्टम के सहारे बीमार हुए अंग दोबारा काम करने लगते हैं । ये मरीज को जिंदा रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ।
कब पड़ती है इसकी जरूरत
लाइफ सपोर्ट सिटम की जरूरत तब पड़ती है जब मरीज को सांस लेने में बहुत परेशानी हो या श्वसन तंत्र पूरी तरह फेल हो जाए । हृदय,
जब दिल धड़कना बंद कर दे
ये सिस्टम तब भी प्रयोग में लाया जाता है जब दिल काम करना बंद कर देता है । लाइफ सपोर्ट सिस्टम के सहारे इसे वापस वापस शुरू करने
लाइफ सपोर्ट देने का तरीका
सबसे पहले मरीज को वेंटीलेटर पर रखा जाता है और उसे ऑक्सीजन दी जाती है । ताकि हवा दबाव बनाते हुए फेफड़ों तक पहुंचे, निमोनिया
कब हटाते हैं लाइफ सपोर्ट सिस्टम
किसी भी मरीज को अगर लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है तो उसे तब ही हटाया जाता है जब उसकी हालत में सुधार हो रहा है और अंग
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