New Delhi, Aug 01 : बिहार के आनंद कुमार को कौन नहीं जानता । उनके सुपर 30 बैच की दुनिया भर में पहचान है । वो आम बच्चों को इस बैच के लिए चुनते हैं और उन्हें आईआईटी जैसी कड़ी परीक्षा के लिए तैयार करते हैं । आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चे उनकी प्राथमिकता में शामिल होते हैं । लेकिन क्या देश में सिर्फ आनंद कुमार ही ऐसा काम कर रहे हैं । नहीं, ऐसे और भी कई हैं जो योग्य शिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं ।
सूरत के रवि छावछारिया
आम छात्रों से हर साल करीब 25 हजार रुपए तक की फीस लेने वाले सीए रवि छावछारिया अपना कोचिंग इंसिटट्यूट चलाते हैं । यहां आने
34 में से 24 बच्चों को मिली सफलता
रवि ने इस साल 34 स्टूडेंट को फ्री में कोचिंग दी । इनमें से 24 स्टूडेंट ने सीए इंटरमीडिएट की परीक्षा में सफलता हासिल की है । इनमें से कई
सीए की डिमांड जयादा
सूरत व्यापारियों का शहर माना जाता है । यहां शहर में सीए बनने के लिए स्टूडेंट का रुझान ज्यादा है । जिसका सीधा लाभ कोचिंग संचालक
कामगरों के बच्चों की करते हैं मदद
सीए की कोचिंग चलाने वाले रवि छावछरिया आर्थिक पूर पर से कमजोर माता-पिता के लिए ममद का वो हाथ है जो उनके बच्चों को बेहतर
ऐसे चुनते हैं छात्र
रवि के अनुसार फ्री कोचिंग पढ़ाने के लिए कुछ बच्चों का सिलेक्शन किया जाता है । सबसे पहले स्टूडेंट की 12वीं में मिले मार्क्स देखे जाते हैं।
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