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रूस ने माना यूक्रेन पर किया ‘वैक्‍यूम बम’ से हमला, जानें कितना घातक है

अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ने रूस पर वैक्‍यूम बमों का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। हालांकि अब रूस ने भी मान लिया है । जानें, क्‍या है ये वैक्‍यूम बम? कैसे काम करता है ये बम?

New Delhi, mar 11: रूस यूक्रेन के बीच छिड़ा युद्ध जारी है । लाखों लोगों का पलायन, हजारों की मौत के बाद यूक्रेन में हर तरफ बस तबाही का मंजर है । बीते दो हफ्तों में दोनों पक्ष की ओर से भयंकर जानमाल का नुकसान हुआ है । क्‍या सैनिक, क्‍या आम नागरिक लगातार मारे जा रहे हैं । इस बीच रूस ने माना है कि उसने यूक्रेन पर वैक्‍यूम बम का इसतेमाल किया है । आखिर क्‍या है ये वैक्‍यूम बम? कैसे काम करता है ये वैक्‍यूम बम? यह कितना विनाशकारी है?पूरी जानकारी आगे विस्‍तार से पढ़ें ।

क्‍या है वैक्‍यूम बम?  
वैक्‍यूम बम दुनिया का सबसे घातक गैर परमाणु हथियार है। वैक्‍यूम बम गुफाओं और सुरंगों में छिपे लोगों को मारने में कारगर है । युद्ध के दौरान बंद इलाकों में इस बम का इसतेमाल किया जाता है, और इसका असर सबसे अधिक घातक होता है । साल 2003 में अमेरिका ने इस बम का परीक्षण किया था। इसे मदर ऑफ आल बम नाम दिया गया है । इस बम से 44 टन के पारंपरिक बम जितना बड़ा धमाका हुआ था, इसके साथ ही यह दुनिया में सबसे घातक गैर परमाणु हथियार बन गया । अमेरिका के बाद रूस ने भी इसी तरह का परीक्षण किया, जिसे फादर आफ बम कहा गया।

जर्मन सेना ने किया था इस्‍तेमाल
द्वितीय विश्‍व युद्ध के दौरान पहली बार वैक्‍यूम बमों का इस्‍तेमाल किया गया था। दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान जर्मन सेना ने इसका प्रयोग किया था। इसके बाद अमेरिका ने वियतनाम में इन बमों का इस्‍तेमाल किया था। इसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्‍तान में पहले वर्ष 2001 में तोरा बोरा की पहाडि़यों में छिपे अल कायदा के आतंकवादियों को नष्‍ट करने के लिए किया था। इसके अलावा 1999 में चेचन्‍या युद्ध के दौनान रूस ने भी इस बम का इस्‍तेमाल किया था। रूस द्वारा बनाए गए वैक्यूम बमों को बशर अल-असद सरकार ने कथित रूप से सीरियाई गृह युद्ध में भी इस्तेमाल किया था। वहीं साल 2017 में इस्‍लामिक स्‍टेट के लड़ाकों के खिलाफ इसका इस्‍तेमाल किया गया था।

टारगेट हिट करता है वैक्‍यूम बम
इस बम को एयरोसोल बम या फ्यूल एयर विस्‍फोटक बम भी कहा जाता है। इस बम में एक फ्यूल कंटेनर होता है । इसमें दो अलग विस्‍फोटक चार्ज लगे होते हैं। इसे एक रॉकेट या विमान से छोड़ा जा सकता है । लक्ष्‍य पर पहुंचने से पहले यह बम अपने निशाने पर लगता है, पहले विस्फोट में फ्यूल कंटेनर खुलकर आसपास के क्षेत्र में फ्यूल को फैलाकर एक बादल की शक्ल दे देता है। यह बादल किसी भी इमारत में घुस सकता है, जिसे पूरी तरह सील न किया गया हो। इसके बाद दूसरे विस्फोट में इस बादल में आग लगती है, जिससे आग का एक बड़ा गोला पैदा होता है। इस बम में ब्लास्ट वेव का जन्म होता है, जो आसपास की सारी ऑक्सीजन सोख लेता है। इस बम से सैन्य साजो-सामान से लेकर विशेष रूप से तैयार की गईं मजबूत इमारतें भी टूट सकती है।
ये हैं नियम
वैक्यूम बम विनाशकारी बम है, लेकिन अब तक इन बमों को इस्तेमाल न करने के लिए किसी तरह के अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं बनाए गए हैं। हालांकि, अगर कोई देश रिहाइशी इलाकों, स्कूल या अस्पतालों में इनका इस्तेमाल करता है तो इस मामले में 1899 और 1907 के हेग कन्वेन्शन के तहत युद्ध अपराध का मामला चलाया जा सकता है।

IBNNews Network

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